राहुल सांघवी : पर्दे के पीछे से मुंबई इंडियंस की सफलता में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व भारतीय स्पिनर

Updated: Tue, Sep 02 2025 19:54 IST
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भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने का सपना हर क्रिकेटर देखता है, लेकिन सभी को मौका नहीं मिल पाता। कुछ क्रिकेटरों को मौका मिलता भी है, तो वह लंबे समय तक टीम में अपनी जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाते। राहुल सांघवी भी ऐसा ही नाम है।

राहुल सांघवी का जन्म 3 सितंबर 1974 को सूरत, गुजरात में हुआ था। बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले सांघवी बाएं हाथ के स्पिनर थे। वह दिल्ली की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेलते थे। 24 साल की उम्र में उन्होंने वनडे फॉर्मेट में 1998 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था।

यह वह दौर था जब स्पिनर के रूप में अनिल कुंबले भारतीय टीम में मजबूत स्तंभ के तौर पर मौजूद थे। बाएं हाथ के स्पिनर के रूप में सुनील जोशी भी टीम का हिस्सा थे और हरभजन सिंह भी टीम में जगह बनाने के लिए प्रयासरत थे। बाद में कुंबले और हरभजन की जोड़ी ने लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए मैच विनिंग परफॉर्मेंस दी। ऐसे में सांघवी के लिए टीम में जगह नहीं बन पाई। उन्हें अपनी क्षमता साबित करने का पर्याप्त मौका भी नहीं मिल सका। 1998 में 10 वनडे और 2001 में अपना एकमात्र टेस्ट खेलने वाले सांघवी ने टेस्ट में 2 और वनडे में 10 विकेट लिए।

वह दिल्ली के अलावा नॉर्थ जोन और रेलवे के लिए भी खेले। 1997-98 में दिल्ली की तरफ से लिस्ट ए मैच में हिमाचल के खिलाफ उन्होंने 15 रन देकर 8 विकेट लिए थे। यह लिस्ट ए क्रिकेट का विश्व रिकॉर्ड था। 2018-19 में इस रिकॉर्ड को शहबाज नदीम ने तोड़ा था। राजस्थान के खिलाफ शहबाज ने 10 रन देकर 8 विकेट लिए थे।

यह वह दौर था जब स्पिनर के रूप में अनिल कुंबले भारतीय टीम में मजबूत स्तंभ के तौर पर मौजूद थे। बाएं हाथ के स्पिनर के रूप में सुनील जोशी भी टीम का हिस्सा थे और हरभजन सिंह भी टीम में जगह बनाने के लिए प्रयासरत थे। बाद में कुंबले और हरभजन की जोड़ी ने लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए मैच विनिंग परफॉर्मेंस दी। ऐसे में सांघवी के लिए टीम में जगह नहीं बन पाई। उन्हें अपनी क्षमता साबित करने का पर्याप्त मौका भी नहीं मिल सका। 1998 में 10 वनडे और 2001 में अपना एकमात्र टेस्ट खेलने वाले सांघवी ने टेस्ट में 2 और वनडे में 10 विकेट लिए।

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संन्यास के बाद सांघवी कोचिंग से जुड़े हैं और बड़ी सफलता हासिल कर चुके हैं। वह आईपीएल में 2008 से ही मुंबई इंडियंस से जुड़े हैं। वह फ्रेंचाइजी की दूसरी टीमों (एमआई केपटाउन, एमआई एमिरेट्स, एमआई न्यूयॉर्क और महिला टीम) को भी मैनेज करते हैं और खिलाड़ियों को गाइड करते हैं। फ्रेंचाइजी के युवा गेंदबाजों को निखारने में उनका अहम रोल रहा है। पिछले 18 सीजन में उन्होंने आईपीएल और अन्य लीग में एमआई टीमों की सफलता में अहम भूमिका निभाई है।

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