मुंबई 42वीं बार बना रणजी चैंपियन, 8 साल का सूखा खत्म
खिताबी मुकाबले में मुंबई की टीम ने दमदार प्रदर्शन किया। गेंदबाजों की बात करे तो अपना फेयरवेल मैच खेल रहे धवल कुलकर्णी ने मुंबई के आक्रमण का नेतृत्व किया।
मुंबई की जीत घरेलू क्रिकेट में कुलकर्णी की उत्कृष्टता की विरासत के लिए एक यादगार अंत है।
मुंबई के स्पिन-गेंदबाजी ऑलराउंडर तनुश कोटियन और तेज गेंदबाज तुषार देशपांडे ने विदर्भ के बल्लेबाजों को खूब छकाया और उन्हें क्रीज पर जमने का कोई मौका नहीं दिया।
दोनों गेंदबाजों ने विदर्भ की बल्लेबाजी लाइनअप को ध्वस्त कर दिया और 538 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी विरोधी टीम को 368 रनों पर समेट दिया।
वानखेड़े मैदान पर गुरुवार को विदर्भ ने अपने आखिरी 5 विकेट दूसरे सेशन में गंवा दिए। लंच तक टीम का स्कोर 333/5 था।
अक्षय वाडकर 102 और हर्ष दुबे 65 रन बनाकर आउट हुए। दोनों के बीच 130 रनों की पार्टनरशिप हुई। इन दोनों के आउट होते ही टीम बिखर गई। मुंबई की पहली पारी में 136 रन बनाने वाले मुशीर खान ने 2 विकेट लिए। उन्हें प्लेयर ऑफ द फाइनल चुना गया जबकि कोटियन को उनके ऑलराउंड खेल के लिए प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का ख़िताब मिला।
मुंबई 224 (शार्दुल ठाकुर 75, यश ठाकुर 3-54, दुबे 3-62) और 418 (मुशीर 136, अय्यर 95, दुबे 5-144) ने विदर्भ 105 (राठौड़ 27, कोटियन 3-7, कुलकर्णी 3-15) और 368 (वाडकर 102, नायर 74, कोटियन 4-95, मुशीर 2-48) को 169 रनों से हराया।