श्रीलंका के खिलाफ रिंकू सिंह बने 'फील्डर ऑफ द सीरीज'

Updated: Wed, Jul 31 2024 14:06 IST
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Rinku Singh: भारत ने श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज में क्लीन स्वीप किया। भारतीय क्रिकेट टीम के नवनियुक्त मुख्य कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में यह टीम इंडिया की पहली सीरीज जीत है। टीम ने इस दौरान कई प्रयोग किए जिसमें कुछ खिलाड़ियों का प्रदर्शन शानदार रहा, खास तौर पर रिंकू सिंह ने खूब सुर्खियां बटोरी।

टी20 सीरीज में श्रीलंका पर 3-0 की शानदार जीत का जश्न मनाया, जिसमें कई खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। इनमें रिंकू सिंह एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरे, जिन्होंने फील्डिंग में अपने असाधारण प्रयासों के लिए 'फील्डर ऑफ द सीरीज' का पुरस्कार जीता।

सीरीज के रोमांचक अंतिम मैच के बाद भारतीय ड्रेसिंग रूम में आयोजित एक कार्यक्रम में इस पुरस्कार की घोषणा की गई।

बीसीसीआई ने 'एक्स' पर इसका एक वीडियो शेयर किया, जिसमें टीम में खुशी का माहौल साफ नजर आ रहा है।

फील्डिंग कोच टी दिलीप ने रवि बिश्नोई, रियान पराग और रिंकू सिंह को 'फील्डर ऑफ द सीरीज' के लिए नॉमिनेट किया। जिसके बाद सहायक कोच रेयान टेन डेशकाटे ने अंत में रिंकू को उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया।

पल्लेकेले इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए निर्णायक तीसरे टी20 मैच में रिंकू की प्रतिक्रिया और फिटनेस का पूरा प्रदर्शन देखने को मिला।

उनके महत्वपूर्ण कैच और मैदान पर उनकी मौजूदगी ने श्रीलंकाई बल्लेबाजी लाइनअप को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने श्रीलंका को तीसरे टी20 मैच में जीत के लिए 138 रनों का टारगेट दिया था। भारत की ओर से ओपनर शुभमन गिल ने सर्वाधिक 39 रनों की पारी खेली। जवाब में श्रीलंका भी 20 ओवर में 8 विकेट पर 137 रन ही बना सका और मैच टाई हो गया।

इस मैच का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट वॉशिंग्टन सुंदर का 17वां ओवर ही था, जिसमें उन्होंने लगातार दो गेंदों पर पहले वानिंदु हसरंगा और फिर कप्तान चरिथ असालंका को पवेलियन भेजा। हालांकि अभी भी श्रीलंका के हाथ में छह विकेट शेष थे और सेट बल्लेबाज परेरा भी क्रीज पर मौजूद थे।

अंतिम दो ओवर में श्रीलंका को जीत के लिए सिर्फ 9 रन ही चाहिए थे। हालांकि रिंकू ने परेरा और रमेश मेंडिस दोनों को पवेलियन चलता कर एक बार फिर भारत की उम्मीदों को जगा दिया।

अंतिम ओवर में श्रीलंका को सिर्फ 6 रन ही चाहिए थे लेकिन ओवर की समय सीमा समाप्त होने के चलते अंतिम ओवर में भारत को एक अतिरिक्त फ़ील्डर तीस गज के दायरे के अंदर रखने पर मजबूर होना पड़ा। सामने दो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ थे, ऐसे में सूर्यकुमार ने अपनी ऑफ़ स्पिन पर भरोसा जताया। अंतिम गेंद पर तीन रन चाहिए थे लेकिन विपक्षी टीम सिर्फ़ दो रन ही जोड़ पाई और मैच का निर्णय फिर सुपर ओवर से हुआ।

अंतिम दो ओवर में श्रीलंका को जीत के लिए सिर्फ 9 रन ही चाहिए थे। हालांकि रिंकू ने परेरा और रमेश मेंडिस दोनों को पवेलियन चलता कर एक बार फिर भारत की उम्मीदों को जगा दिया।

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