श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज में शानदार जीत के बाद अब भारत की नजर वनडे सीरीज पर
पल्लेकेले में श्रीलंकाई टीम ने सुपर ओवर में महज 3 रन का लक्ष्य दिया था और कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पहली गेंद पर चौका मारकर टीम को जीत दिलाई। इसी के साथ गौतम गंभीर के कार्यकाल की टी20 सीरीज जीत के साथ शानदार शुरुआत हुई। कहीं न कहीं जिस प्रेशर सिचुएशन में टीम इंडिया लड़खड़ा जाती थी, गंभीर और सूर्या के नेतृत्व में टीम ने वहां बाजी मारी।
आखिरी मुकाबले में कोच गंभीर ने कुछ ऐसे प्रयोग किए जिसकी वजह से टीम 3-0 से जीत का मौका गंवा सकती थी। भविष्य की योजनाओं और नए प्रयोग का नजारा इस मुकाबले में नजर आया। सूर्यकुमार यादव और रिंकू सिंह ने भी गेंदबाजी की। दिलचस्प बात ये है कि टीम का ये प्रयोग सफल भी हुआ।
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने श्रीलंका को तीसरे टी20 मैच में जीत के लिए 138 रनों का टारगेट दिया था। भारत की ओर से ओपनर शुभमन गिल ने सर्वाधिक 39 रनों की पारी खेली। जवाब में श्रीलंका भी 20 ओवर में 8 विकेट पर 137 रन ही बना सका और मैच टाई हो गया।
इस मैच का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट वॉशिंग्टन का 17वां ओवर ही था, जिसमें उन्होंने लगातार दो गेंदों पर पहले वानिंदु हसरंगा और फिर कप्तान असलंका को पवेलियन भेजा। हालांकि अभी भी श्रीलंका के हाथ में छह विकेट शेष थे और सेट बल्लेबाज परेरा भी क्रीज पर मौजूद थे।
अंतिम दो ओवर में श्रीलंका को जीत के लिए सिर्फ 9 रन ही चाहिए थे। हालांकि रिंकू ने परेरा और रमेश मेंडिस दोनों को पवेलियन चलता कर एक बार फिर भारत की उम्मीदों को जगा दिया।
अंतिम ओवर में श्रीलंका को सिर्फ 6 रन ही चाहिए थे लेकिन ओवर की समय सीमा समाप्त होने के चलते अंतिम ओवर में भारत को एक अतिरिक्त फ़ील्डर तीस गज के दायरे के अंदर रखने पर मजबूर होना पड़ा। सामने दो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ थे, ऐसे में सूर्यकुमार ने अपनी ऑफ़ स्पिन पर भरोसा जताया। अंतिम गेंद पर तीन रन चाहिए थे लेकिन विपक्षी टीम सिर्फ़ दो रन ही जोड़ पाई और मैच का निर्णय फिर सुपर ओवर से हुआ।
अंतिम दो ओवर में श्रीलंका को जीत के लिए सिर्फ 9 रन ही चाहिए थे। हालांकि रिंकू ने परेरा और रमेश मेंडिस दोनों को पवेलियन चलता कर एक बार फिर भारत की उम्मीदों को जगा दिया।
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Article Source: IANS