ईरानी ट्रॉफ़ी: सरफ़राज़ ने जड़ा नाबाद दोहरा शतक
सरफ़राज़ का यह दोहरा शतक बेहतरीन होने के साथ-साथ ऐतिहासिक भी था, क्योंकि इससे पहले मुंबई के किसी भी बल्लेबाज़ ने ईरानी कप में मुंबई का प्रतिनिधित्व करते हुए दोहरा शतक नहीं लगाया था। इससे पहले रवि शास्त्री, वसीम जाफ़र, यशस्वी जायसवाल ने ईरानी कप में दोहरा शतक ज़रूर लगाया है लेकिन वह तब रेस्ट ऑफ़ इंडिया की टीम से खेल रहे थे।
जब दूसरे दिन का खेल शुरु हुआ तो मुंबई को पहला झटका अजिंक्य रहाणे के रूप में लगा। रहाणे अपने शतक से सिर्फ़ तीन रन दूर थे लेकिन यश दयाल ने उन्हें ध्रुव जुरेल के हाथों कैच करा कर पवेलियन भेज दिया। हालांकि सरफ़राज़ का बल्ला थमने के मूड में नहीं था। वह किसी भी ख़राब गेंद को छोड़ने के मूड में नहीं थे। दूसरे दिन के खेल में सरफ़राज़ ने कुल 188 गेंदों का सामना किया। इस दौरान उन्होंने 25 चौके और चार छक्के लगाए और कुल 167 रन बनाए।
दूसरी तरफ़ मुंबई के ऑफ़ स्पिन ऑलराउंडर तनुष कोटियन ने भी सरफ़राज़ का अच्छा साथ दिया और उनके साथ 183 रनों की साझेदारी की। कोटियन ने अपनी पारी के दौरान कुल 124 गेंदों का सामना करके 64 रन बनाए।
इस मैच के पहले दिन मुंबई की टीम ने एक मुश्किल स्थिति से निकलते हुए चार विकेट के नुक़सान पर 237 के स्कोर पर पहुंची थी। मुंबई की टीम एक समय पर सिर्फ़ 37 के स्कोर पर तीन विकेट गंवा चुकी थी। हालांकि उसके बाद श्रेयस अय्यर और रहाणे के बीच हुई एक बेहतरीन साझेदारी ने मुंबई को मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकालने का अच्छा प्रयास किया। अर्धशतक बनाने के बाद श्रेयस पवेलियन लौट गए और तब टीम का स्कोर सिर्फ़ 137 था। इसके बाद सरफ़राज़ बल्लेबाज़ी करने आए और उन्होंने रहाणे के साथ 131 रनों की अच्छी साझेदारी की।
दूसरे दिन का खेल ख़त्म होने तक मुंबई ने नौ विकेट के नुक़सान पर 536 रन बना लिए थे। शेष भारत की तरफ़ से अब तक इस मैच में सबसे ज़्यादा विकेट (4) मुकेश कुमार ने झटके हैं। वहीं यश दयाल और प्रसिद्ध कृष्णा को दो-दो सफलताएं मिली हैं।
इस मैच के पहले दिन मुंबई की टीम ने एक मुश्किल स्थिति से निकलते हुए चार विकेट के नुक़सान पर 237 के स्कोर पर पहुंची थी। मुंबई की टीम एक समय पर सिर्फ़ 37 के स्कोर पर तीन विकेट गंवा चुकी थी। हालांकि उसके बाद श्रेयस अय्यर और रहाणे के बीच हुई एक बेहतरीन साझेदारी ने मुंबई को मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकालने का अच्छा प्रयास किया। अर्धशतक बनाने के बाद श्रेयस पवेलियन लौट गए और तब टीम का स्कोर सिर्फ़ 137 था। इसके बाद सरफ़राज़ बल्लेबाज़ी करने आए और उन्होंने रहाणे के साथ 131 रनों की अच्छी साझेदारी की।
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Article Source: IANS