बंगाल की ओर से रणजी ट्रॉफी में खेलकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करना चाहते हैं मोहम्मद शमी

Updated: Sun, Sep 15 2024 08:20 IST
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शनिवार को क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) ने एक भव्य वार्षिक पुरस्कार समारोह में भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को क्रिकेट विश्व कप 2023 में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

सम्मानित होने पर शमी ने कहा कि वह एक बार फिर बंगाल की ओर से खेलने का इरादा रखते हैं और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की तैयारी कर रहे हैं।

शमी ने कहा, "मैं अगले सीजन में जरूर बंगाल के लिए खेलना चाहता हूं। मैं रणजी में बंगाल के लिए दो से तीन मैच खेलने की उम्मीद कर रहा हूं। इससे मुझे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने में मदद मिलेगी। मैं नेशनल क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में ट्रेनिंग कर रहा हूं और जब मैं पूरी तरह फिट हो जाऊंगा, तो खेलना चाहूंगा।"

हालांकि शमी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, लेकिन उन्हें पहली बार बंगाल की टीम में खेलने का मौका मिला था। 2011 में डेब्यू करने के बाद शमी ने बंगाल के लिए 15 प्रथम श्रेणी और 15 लिस्ट ए मैच खेले, जिसके बाद जनवरी 2013 में उन्हें भारत की वनडे टीम में पाकिस्तान के खिलाफ दिल्ली में खेलने का मौका मिला था।

विश्व कप 2023 में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सम्मानित होने पर शमी ने कहा, "मैं बंगाल का जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है। मेरा जन्म यूपी के एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां अधिक मौके नहीं थे। इसलिए मैं अक्सर कहता हूं कि मैं यूपी में पैदा हुआ, लेकिन बंगाल ने मुझे बनाया। यह 22 साल की यात्रा है और मैं बंगाल का तहे दिल से आभारी हूं कि उसने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया। बंगाल ने जो प्यार और समर्थन दिया है, उसे मैं कभी नहीं भूल सकता। मैं चाहता हूं कि महिला क्रिकेट भी आगे बढ़े। लोग भेदभाव न करें और अगर हमारे परिवार भी उन्हें समर्थन दें, तो मुझे बहुत खुशी होगी।"

इसके साथ ही शमी ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर भी अपनी राय रखी, जो दिसंबर में शुरू होने वाली है। शमी का मानना है कि इस साल होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत का पलड़ा भारी रहेगा।

विश्व कप 2023 में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए सम्मानित होने पर शमी ने कहा, "मैं बंगाल का जितना धन्यवाद करूं, उतना कम है। मेरा जन्म यूपी के एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां अधिक मौके नहीं थे। इसलिए मैं अक्सर कहता हूं कि मैं यूपी में पैदा हुआ, लेकिन बंगाल ने मुझे बनाया। यह 22 साल की यात्रा है और मैं बंगाल का तहे दिल से आभारी हूं कि उसने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया। बंगाल ने जो प्यार और समर्थन दिया है, उसे मैं कभी नहीं भूल सकता। मैं चाहता हूं कि महिला क्रिकेट भी आगे बढ़े। लोग भेदभाव न करें और अगर हमारे परिवार भी उन्हें समर्थन दें, तो मुझे बहुत खुशी होगी।"

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