ओली रॉबिंसन के बचाव में उतरे स्टुअर्ट ब्रॉड, बोले- 'आखिर हम जा कहां रहे हैं'

Updated: Sun, Jun 25 2023 16:37 IST
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इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच अभी एशेज सीरीज का पहला ही टेस्ट मैच हुआ है लेकिन दोनों ही टीमों के बीच माहौल इतना गर्म हो गया है कि पूर्व क्रिकेटर्स भी खुद को पीछे नहीं खींच पा रहे हैं। ओली रॉबिंसन को लेकर पहले ही मैथ्यू हेडन, रिकी पोंटिंग और जस्टिन लैंगर अपना रिएक्शन दे चुके हैं। ऐसे में एकतरह से रॉबिंसन ऑस्ट्रेलियाई टीम और ऑस्ट्रेलियाई फैंस के लिए खलनायक बन गए हैं लेकिन इसी बीच रॉबिंंसन को अपने हमवतन स्टुअर्ट ब्रॉड का साथ मिला है।

इंग्लैंड के अनुभवी तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने ऑस्ट्रेलियाई दिग्गजों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर ये कहानी कहां जा रही है क्योंकि ओली रॉबिंसन को अब खलनायक करार दे दिया गया है। रॉबिंसन के साथ जो हो रहा है ब्रॉड के साथ भी कुछ समय पहले ऐसा ही हुआ था और उस समय ऑस्ट्रेलियाई मीडिया उन्हें भी इसी तरह चित्रित किया था जिसे अब ब्रॉड ने याद किया है।

दरअसल, हुआ ये था कि रॉबिंसन ने पहले एशेज टेस्ट की पहली पारी में उस्मान ख्वाजा को आउट करने के बाद उन्हें अपशब्दों से भरी विदाई दी थी जिसके बाद उनकी काफी आलोचना की गई थी। हालांकि, मैच रेफरी ने उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया था, लेकिन ये घटना ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों को पसंद नहीं आई और उन्होंने रॉबिंसन को सरेआम फटकार लगाई लेकिन अब ब्रॉड ने इस युवा तेज़ गेंदबाज को अपना समर्थन दिया है।

डेली मेल के लिए अपने कॉलम में ब्रॉड ने लिखा, "एक और बात, क्या 10 साल पहले ऑस्ट्रेलिया में मेरे बारे में अपशब्दों वाली टी-शर्ट नहीं बेची जा रही थी? अब कुछ अपशब्द दूसरे तरीके से बेचे जा रहे हैं और हर कोई इसका ढेर लगा रहा है। हम इसके साथ कहां जा रहे हैं? ईमानदारी से कहूं तो ओली रॉबिंसन और उस्मान ख्वाजा के बीच मैदान पर काफी कुछ कहा-सुनी हो चुकी है, जितनी होनी चाहिए थी। आखिरकार, आईसीसी को पहली पारी में ख्वाजा को आउट करने पर ओली की प्रतिक्रिया से कोई समस्या नहीं थी और मुझे मैथ्यू हेडन का उनके बारे में अपमानजनक कमेंट्स करना पसंद नहीं आया।''

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आगे बोलते हुए ब्रॉड ने कहा, "मैदान पर थोड़ी बहुत भावनाएं थी, लेकिन इसके साथ ही हम दोस्त भी हैं। हर बार बारिश होती थी ब्रेक होते थे तो लोग एक-दूसरे से बातें कर रहे थे और ये विडंबना है कि ये एक कहानी बन गई क्योंकि मैं शायद कहूंगा कि सभी नौ एशेज सीरीज में से, जिनमें मैंने खेला है, मौखिक रूप से ये सबसे शांत पहला टेस्ट था जिसे मैं याद रख सकता हूं।"

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