नई दिल्ली, 18 अक्टूबर| सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को लोढ़ा समिति की सिफारिशों के खिलाफ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा दायर समीक्षा याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। शीर्ष अदालत मंगलवार को मामले पर अपना फैसले सुनाने वाली थी, लेकिन अब दो सप्ताह बाद प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर के चेंबर में मामले पर सुनवाई होगी।
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बीसीसीआई ने अपनी समीक्षा याचिका में मामले की सुनवाई खुली अदालत में करवाए जाने की मांग की थी। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा क्रिकेट प्रशासन में सुधार के लिए गठित लोढ़ा समिति ने बड़े बदलाव की सिफारिशें की हैं, जिन्हें लागू करने पर देश के मौजूदा क्रिकेट प्रशासन की सूरत बिल्कुल बदल सकती है।
लोढ़ा समिति ने अपनी सिफारिश में अध्यक्ष अनुराग ठाकुर सहित बीसीसीआई के मौजूदा शीर्ष अधिकारियों को हटाए जाने की बात भी कही है।
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सर्वोच्च न्यायालय ने 18 जुलाई को दिए अपने फैसले में लोढ़ा समिति की सभी सिफारिशों को मंजूरी दे दी थी और बीसीसीआई को उन्हें अपनाने का निर्देश दिया था।
लेकिन बीसीसीआई द्वारा समिति की सिफारिशें लागू करने से पीछे हटने के बाद न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर. एम. लोढ़ा ने बीसीसीआई पर सुधारों को लागू करने में हर स्तर पर रोड़ा अटकाने और शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन न करने का आरोप लगाया था।
लोढ़ा समिति ने शीर्ष अदालत में बीसीसीआई पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों और समिति की सिफारिशों की अवहेलना करने की शिकायत करते हुए अनुराग सहित बोर्ड के सभी शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी।
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बीसीसीआई ने इसी महीने इससे पहले आम सभा की विशेष बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्होंने लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों को अपनाने का फैसला लिया था, हालांकि बोर्ड ने शीर्ष अधिकारियों को हटाए जाने की सिफारिश का विरोध जारी रखा था।