पापा ने छोड़ी नौकरी, रिश्तेदारों ने मारे ताने; रुला देगी नीतिश कुमार रेड्डी की कहानी
भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी ने मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में शतक लगाकर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा लिया। रेड्डी ने 171 गेंदों में अपना पहला टेस्ट शतक लगाकर करोड़ों देशवासियों को झूमने का मौका दे दिया। उनके इस शतक को देखने के लिए उनके पिता मुत्याला रेड्डी भी स्टेडियम में मौजूद थे और अपने बेटे को ये शानदार उपलब्धि हासिल करते हुए देख वो काफी इमोशनल भी दिखे।
नीतीश कुमार रेड्डी को क्रिकेटर बनाने में उनके पिता की भूमिका काफी अहम रही है और आज अपने बेटे को अपनी आंखों के सामने शतक लगाता देख उन्हें ये जरूर महसूस हुआ होगा कि उनकी सालों की तपस्या पूरी हो गई। अगर आप रेड्डी की कहानी नहीं जानते हैं तो चलिए आपको उनके पिता के और उनके संघर्ष की कहानी बताते हैं।
नीतीश रेड्डी के पिता का संघर्ष
रेड्डी को क्रिकेटर बनाने में उनके पिता का बहुत बड़ा योगदान है। रेड्डी ने भी हाल ही में बताया कि कैसे उनके पिता के बलिदान ने उन्हें अपने क्रिकेट करियर को गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित किया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक वीडियो में, 21 वर्षीय खिलाड़ी ने वित्तीय कठिनाइयों पर काबू पाने से लेकर भारतीय क्रिकेट की सबसे होनहार प्रतिभाओं में से एक बनने तक की अपनी यात्रा के बारे में बताया।
रेड्डी इस वीडियो में कहते हैं, “ईमानदारी से कहूं तो, जब मैं छोटा था तो मैं गंभीर नहीं था। मेरे पिता ने मेरे लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और मेरी कहानी के पीछे बहुत त्याग है। एक दिन, मैंने उन्हें वित्तीय समस्याओं के कारण रोते हुए देखा जिसका हम सामना कर रहे थे और मुझे लगा कि ऐसा नहीं हो सकता कि मेरे पिता ने त्याग किया हो और तुम सिर्फ़ मौज-मस्ती के लिए क्रिकेट खेलो। उस समय, मैं गंभीर हो गया और मैंने क्रिकेट में आगे बढ़ने का फैसला किया, मैंने कड़ी मेहनत की और इसका फल मिला। एक मध्यमवर्गीय परिवार का बेटा होने के नाते, मुझे बहुत गर्व है कि मेरे पिता अब खुश हैं। मैंने अपनी पहली जर्सी उन्हें दी और उनके चेहरे पर खुशी देखी और मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ।"
गौरतलब है कि अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए पिता ने अपनी जॉब छोड़ दी थी और सारा ध्यान नीतीश के करियर पर लगा दिया था। नीतिश को शुरुआत में अपने रिश्तेदारों के ताने भी सुनने को मिलते थे लेकिन वो इसके बावजूद भी अपने पिता के सपनों को पूरा करने में लगे रहे। अब मेलबर्न में शतक लगाकर उन्होंने अपने आलोचकों की बोलती बंद कर दी है।
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नीतीश कुमार रेड्डी ने 22 नवंबर को विराट कोहली के हाथों अपनी डेब्यू टेस्ट कैप हासिल की। उन्होंने अपनी पहली पारी में ही काफी प्रतिभा दिखाई और आउट होने से पहले 41 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली। अब ऐसा लग रहा है कि भारत को एक और स्टार खिलाड़ी मिल चुका है लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि रेड्डी को टीम मैनेजमेंट आगे आने वाले समय में कैसे इस्तेमाल करती है।