'मैंने एक बार इस मुद्दे को उठाया था लेकिन उन्होंने मुझे चुप करा दिया', ऑलराउंडरों की कमी पर बोला दिग्गज
वाइट बॉल क्रिकेट में टीम इंडिया जूझ रही है। एशिया कप, टी20 वर्ल्ड कप और बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था। टीम इंडिया के लिए लिमिटेड ओवर क्रिकेट में आगे की राह आसान नहीं होने वाली है। हार्दिक पांड्या और रवींद्र जडेजा भारत के दो प्रमुख ऑलराउंडर हैं। अब सवाल ये है कि क्या हमें और अधिक हरफनमौला खिलाड़ियों की आवश्यकता है? 2011 में, जब भारत ने विश्व कप जीता तो युवराज सिंह, वीरेंद्र सहवाग, सुरेश रैना और सचिन तेंदुलकर जैसे यूटिलिटी ऑलराउंडर टीम में थे जो मौका पड़ने पर गेंदबाजी भी कर सकते थे।
लेकिन आज के टाइम में ऐसे खिलाड़ी टीम इंडिया से लगभग गायब हो गए हैं। भारत के अनुभवी स्पिनर अमित मिश्रा ने इस विषय पर अपनी बात रखी है। स्पोट्स तक पर बातचीत के दौरान अमित मिश्रा ने कहा, ' यह बिल्कुल सच है। मैंने एक बार इस विषय को उठाया था लेकिन उन्होंने मुझे चुप करा दिया।'
अमित मिश्रा ने आगे कहा, 'एक गेंदबाज को इस धारणा पर चुनना कि वह बल्लेबाजी करेगा और रन बनाएगा, एक ऑलराउंडर के लिए कोई बेंचमार्क नहीं है। भारत के पास कितने ऑलराउंडर हैं? आप कहते हैं कि हमारे पास हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा हैं जो गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों करते हैं। अश्विन भी बल्लेबाजी कर सकते हैं और अक्षर पटेल भी। आपको कितने ऑलराउंडरों की आवश्यकता है?'
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अमित मिश्रा ने कहा, 'हर टीम में पार्टटाइम गेंदबाजों के साथ 2 ऑलराउंडर होते हैं और एक मुख्य लेग स्पिनर होता है जो विकेट ले सकता है। गेंदबाज आपको मैच जिताते हैं। जब तक आप विकेट नहीं लेंगे, आप मैच कैसे जीत पाएंगे? भले ही आप 300 रन बना लें, लेकिन अगर आपके पास विकेट लेने वाले और मुख्य गेंदबाज नहीं हैं, तो आप मैच नहीं जीत सकते।'