फाइनल मुकाबले के बाद विजय शंकर ने खुद को इस तरह से दे रहे थे सजा, खुला राज
नई दिल्ली, 21 मार्च | निदास ट्रॉफी के फाइनल में अहम ओवर में डॉट बाल खेलकर आलोचनाओं का शिकार हुए भारतीय टीम के हरफनमौला खिलाड़ी विजय शंकर अब उस 18वें ओवर को याद नहीं करना चाहते हैं। वह उस पल से सीख लेते हुए आगे बढ़ने और एक बार फिर मजबूत वापसी के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने माना कि 'वो पल' हमेशा उनके साथ बना रहेगा।
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निदास ट्रॉफी टी-20 सीरीज के फाइनल में विजय ने मुस्तफीजुर रहमान द्वारा फेंके गए 18वें ओवर की पांच गेंदे बिना रन लिए निकाल दी थीं। इसके बाद टीम पर दबाव बन गया था और टीम हार की कगार पर पहुंच गई थी। लेकिन, विकेटकीपर दिनेश कार्तिक द्वारा खेली गई आठ गेंदों में 28 रनों की आतिशी पारी के दम पर भारत ने बांग्लादेश को जीत से महरूम रखा था।
विजय ने आईएएनएस से फोन पर विशेष बातचीत में कहा कि वह पल काफी निराशाजनक था, लेकिन उनके लिए जरूरी है कि वह इससे सीखते हुए आगे बढ़ें और ऐसा वह कर चुके हैं।
विजय ने कहा, "मेरे लिए वो पल काफी मुश्किल था क्योंकि मैं आमतौर पर ज्यादा डॉट बाल नहीं खेलता हूं। मेरे लिए यह काफी कम होने वाली बात है। वो पल मेरे लिए काफी निराशाजनक थे क्योंकि हम सभी के लिए बड़ा मौका था, खासकर मेरे लिए। मैं अंतर्राष्ट्रीय मैच में पहली बार बल्लेबाजी कर रहा था।"
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उन्होंने कहा, "मैंने सोचा था कि मैं अपनी टीम के लिए मैच फीनिश कर दूंगा। मैंने अपने आप को इस परिस्थिति के लिए तैयार भी कर लिया था। जब मैं विफल हुआ तो मुझे काफी बुरा लगा। मैं जानता हूं कि एक क्रिकेट खिलाड़ी के तौर पर मुझे आगे बढ़ना है।"
उन्होंने कहा, "मैं खुश था कि हम जीत गए लेकिन मैं इस बात से निराश था कि मैं ऐसा नहीं कर पाया। उस ओवर ने स्थितियां काफी बिगाड़ दी थीं। मैं जानता हूं कि एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे इससे सीखते हुए आगे बढ़ना है।"
विजय ने कहा कि इस हार के बाद भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस. लक्ष्मण ने उन्हें मैसेज भेजा था। विजय ने कहा, "लक्ष्मण सर ने मैसेज किया था और कहा था कि हर किसी के साथ ऐसा होता है। आप काफी अच्छे हैं और आपने अभी तक अच्छा किया है और एक मैच से कुछ फर्क नहीं पड़ता।"
मुस्तफीजुर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पिछले संस्करण में सनराइजर्स हैदराबाद में विजय शंकर के साथ खेले थे।
उस ओवर के बारे में विजय ने कहा, "मैं उस ओवर में ऑफ साइड पर मारने की कोशिश कर रहा था, लेकिन गेंद मेरे बल्ले पर चढ़ नहीं रही थी। पहली गेंद के बाद मुझे थोड़ा धैर्य रखकर गेंद बल्ले पर लेकर एक रन ले लेना चाहिए था, लेकिन मेरे लिए यह अच्छी सीख रही। अगली बार जब मैं ऐसी स्थिति में पड़ूंगा तो बेहतर कर सकूंगा।"
मैच के बाद विजय निराश थे, लेकिन पूरी टीम ने उनको ढांढस बंधाया और आगे बढ़ने की सलाह दी।
बकौल विजय, "सभी ने मुझसे कहा कि यह खेल का हिस्सा है और आप ऐसा करने वाले अकेले खिलाड़ी नहीं हैं। सभी खिलाड़ी इस दौर से गुजरते हैं। यह सभी के साथ होता है, जरूरी है कि आप इसके बारे में न सोचते हुए आगे बढ़ें।"
विजय की नजरें अब अगले महीने से शुरू हो रहे आईपीएल पर हैं जिसमें वो दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलते नजर आएंगे।
विजय से जब पूछा गया कि अब उनके लिए यह आईपीएल कितना अहम हो गया तो उन्होंने कहा, "मैं आमतौर पर किसी भी टूर्नामेंट को बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं मानता। मैं जहां भी खेलता हूं अपना सौ फीसदी देने की कोशिश करता हूं और इसलिए मैं आज यहां हूं।"
दिल्ली की टीम का आईपीएल में रिकार्ड अच्छा नहीं है, लेकिन इस बार टीम की कमान कोलकाता नाइट राइडर्स को दो बार खिताब दिलाने वाले कप्तान गौतम गंभीर के हाथों में हैं।
दिल्ली के लिए यह आईपीएल कितना अहम है इस पर विजय ने कहा, "मैं इसे एक शानदार मौके की तरह से देखता हूं। दिल्ली का आईपीएल में अच्छा रिकार्ड नहीं रहा है, लेकिन अगर हम अच्छा प्रदर्शन करते हैं और टीम को शीर्ष-4 में पहुंचाते हैं तो चीजें अलग हो जाएंगी। हमारी टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो इंडिया-ए टूर और बाकी जगह साथ खेले हैं।"