चौथे वनडे में अंत तक अपनी पूरी क्षमता से खेलता रहा : विराट कोहली

Updated: Sat, Oct 24 2015 13:32 IST

मुंबई, 24 अक्टूबर | भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली चेन्नई में हुए पिछले वनडे में 13 पारियों के बाद शतक लगा सके, हालांकि कोहली का कहना है कि शतक लगाने के बाद भी आगे खेलते रहने के लिए उन्होंने अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल किया ताकि टीम 30-40 रन अधिक स्कोर कर सके। भारत ने चेन्नई वनडे में पहले बल्लेबाजी करते हुए कोहली के शतक की बदौलत साउथ अफ्रीका के सामने 300 रनों का लक्ष्य रखा था। साउथ अफ्रीका चेपक की धीमी स्पिन के अनुकूल पिच पर लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई और नौ विकेट पर 264 रन ही बना सकी।

कोहली ने कहा  "जब आप बेहतरीन शतक लगाते हैं तो उसका अहसास वास्तव में बहुत अच्छा होता है, खासकर जब आप श्रृंखला में पीछे चल रहे हों। आप शतक बनाएं और टीम को जीत मिले तो आपके लिए निश्चित तौर पर वह शानदार दिन होता है।"

कोहली ने कहा, "तीसरे क्रम पर दोबारा बल्लेबाजी करते हुए ऐसा ही करने की जरूरत थी। मुझे पता था कि चेन्नई की पिच पर 260-270 रन बन सकते हैं, लेकिन शतक लगाने के बाद भी मैंने खुद को अपनी पूरी क्षमता तक खेलने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान मेरे पैर की मांसपेशी में खिंचाव भी आया, लेकिन मैंने खुद से कहा कि यदि में 30-35 रन और बना सकूं तो संभव है कि टीम का स्कोर 300 तक पहुंच जाए।"

चेन्नई वनडे में लगाए गए शतक से पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली को पछाड़ने वाले कोहली ने कहा, "वनडे क्रिकेट में यह मेरी कुछ बेहद चुनौतीपूर्ण पारियों में से एक रही, खासकर दक्षिण अफ्रीका के उम्दा गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ। दक्षिण अफ्रीका ने अब तक पूरी सीरीज में शानदार गेंदबाजी की है।"

अजिंक्य रहाणे और सुरेश रैना के साथ एक के बाद एक शतकीय साझेदारियां निभाने पर कोहली ने कहा, "लगातार एक-एक रन लेकर छोर बदलते रहने और सही समय पर चौके लगाते रहने के मामले में रहाणे बेहतरीन हैं। वहीं सुरेश जब आक्रामक होते हैं तो वह भी बेहतरीन लगते हैं। साझेदारियों के दौरान उनसे बीच-बीच में बात करते रहने से काफी मदद मिली।"

(आईएएनएस)

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