'ICC नॉकआउट मैचों में टॉस ही नहीं होना चाहिए', वसीम अकरम की बात से कितना सहमत हैं आप?
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने वर्ल्ड कप 2023 फाइनल में भारत की हार के बाद आईसीसी नॉकआउट मैचों में टॉस को खत्म करने की बात कही है। नरेंद्र मोदी स्टेडियम के सूखे विकेट पर ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया था और पैट कमिंस की अगुवाई में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी करते हुए भारतीय टीम को 240 रनों पर रोक दिया था और उसके बाद ट्रेविस हेड के तूफानी शतक (137) और मार्नस लाबुशेन (58*) की शानदार पारियों के चलते ऑस्ट्रेलिया ने 42 गेंद शेष रहते जीत हासिल कर ली।
इस मैच में भारत की हार के बाद कुछ लोगों ने ओस को जिम्मेदार ठहराया जबकि कुछ लोगों का मानना था कि टॉस के समय ही हार और जीत का फैसला हो गया था। ऐसे में वसीम अकरम ने इस मैच के ऊपर बात करते हुए राय दी है कि आईसीसी के नॉकआउट मैचों से टॉस को खत्म ही कर देना चाहिए ताकि जो टीमें लीग स्टेज में शानदार खेलकर आई हैं उनके बीच बराबरी का कॉन्टेस्ट देखने को मिले।
ए स्पोर्ट्स के शो 'द पवेलियन' में एक सवाल का जवाब देते हुए वसीम अकरम ने कहा, "मैं चाहता हूं कि क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल जैसे इन नॉकआउट मैचों के दौरान टॉस से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया में ये मायने रखता है क्योंकि सीम मूवमेंट रात में शुरू होता है। लेकिन यहां उपमहाद्वीप में, ओस के कारण शाम को बल्लेबाजी आसान हो जाती है। ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों टीमों ने फाइनल में पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। ये दोनों पक्षों के लिए एक उचित मौका होना चाहिए। मैच का फैसला टॉस पर नहीं होना चाहिए। यही बात मुझे ज्यादातर समय परेशान करती है।"
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ऑस्ट्रेलिया ने बीच के ओवरों (11-40) में केवल दो चौके दिए, इस अवधि में भारत केवल 117 रन ही बना सका। कुल मिलाकर, भारत ने केवल 12 चौके और तीन छक्के लगाए जिससे पता चलता है कि ये बल्लेबाजी के लिए उस समय कितना मुश्किल विकेट था। वसीम अकरम ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की फील्डिंग की सराहना करते हुए कहा, "जाहिर तौर पर उन्होंने किसी विशेष स्थिति में फील्ड प्लेसमेंट के लिए प्रत्येक बल्लेबाज के खिलाफ योजना बनाई होगी। उन्होंने कम से कम 25 रन रोके, अगर हम इन 25 रनों को (कुल में) जोड़ दें तो ये 265-270 के आसपास हो सकता है, जो काफी दबाव वाला स्कोर हो सकता था।"