कप्तान रोहित शर्मा ने बताया, टी-20 वर्ल्ड 2022 की तैयारी के लिए टीम इंडिया ने पर्थ को क्यों चुना

Updated: Sun, Oct 23 2022 08:19 IST
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भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने शनिवार को कहा कि समय से पहले ऑस्ट्रेलिया रवाना होना टीम के लिए काफी फायदेमंद रहा और टीम को वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिला।

भारत ने अमूमन टी-20 वर्ल्ड कप से पहले अधिक अभ्यास नहीं किया है वहीं वह अक्सर परिस्थितियों से भी अभ्यस्त होते नहीं देखे गए हैं। हालांकि इस बार वह अपने पहले मैच से 20 दिन पहले ही ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो गए। यह जरूरी भी है क्योंकि एक ग्रुप में शीर्ष तीनों की मौजूदगी, सेमीफाइनल में प्रवेश करने के लिए त्रिकोणीय श्रृंखला बन जाती है, जैसा कि पिछले वर्ष हुआ भी और अगर आप का पहला मुकाबला पाकिस्तान के खिलाफ होने वाला हो तो आपको तैयारी करनी होती है।

रोहित शर्मा ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच की पूर्वसंध्या पर कहा, "हम इस बारे में कुछ समय से बात कर रहे हैं, जैसे जब आप बड़े दौरों पर जाते हैं, तो आपको अच्छी तैयारी करने की जरूरत होती है, विशेषकर जब आप भारत से बाहर यात्रा करते हैं।जिस तरह से आप तैयारी करना चाहते हैं, उसे तैयार करने के लिए आपके पास समय होना चाहिए, क्योंकि इसमें समय लगता है।"

कप्तान ने आगे कहा, "बहुत सारे खिलाड़ी विदेशी परिस्थितियों में खेलने के आदी नहीं हैं, चाहे वह ऑस्ट्रेलिया हो, दक्षिण अफ्ऱीका हो, न्यूजीलैंड हो या इंग्लैंड। जब आपके पास समय होता है तो यह जाहिर तौर पर अच्छा होता और टीम मैनेजमेंट इसके लिए लगातार प्रयासरत भी था। बड़े टूर्नामेंट से पहले पर्याप्त समय मिलने की बातचीत पिछले वर्ल्ड कप के बाद से ही शुरू हो गई थी। हमें पता था कि वर्ल्ड कप कहां होने वाला है इसलिए हमने थोड़ा जल्दी ऑस्ट्रेलिया जाने का फैसला किया। इसके लिए हमें दक्षिण अफ्ऱीका के खिलाफ वनडे सीरीज भी मिस करनी पड़ी। पिछले वर्ल्ड कप के बाद से ही यह सब कुछ पर्दे के पीछे चल रहा था। हमें पता है कि अभ्यास कितना जरूरी है। इस टीम के अधिकतर खिलाड़ियों ने पहले ऑस्ट्रेलिया में नहीं खेला था और यह हमारे ऑस्ट्रेलिया पहले आने का एक बड़ा कारण था।"

रोहित ने भारतीय टीम के अभ्यास पर बातचीत करते हुए कहा, "पर्थ में हमने काफी अच्छा समय बिताया। हमने वहां नौ दिन गुजारे इसके बाद हम ब्रिसबेन आ गए। हमने तैयारी करने के लिए पर्थ में कुछ अभ्यास मैच भी खेले, ताकि हम परिस्थितियों से अभ्यस्त हो सकें। जाहिर तौर पर आप पूरे ऑस्ट्रेलिया का भ्रमण कर हर पिच पर नहीं खेल सकते थे। हालांकि हमसे जो भी बन पड़ा वह हमने किया। हमें लगा कि पर्थ हमारे लिए टाइम जोन के हिसाब से सबसे उपयुक्त है। जाहिर तौर पर समय का अंतर अधिक नहीं था। हम बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते थे और हम काफी खुशकिस्मत रहे कि मेलबर्न आने से पहले हमें पर्याप्त समय मिला।"

रोहित एक योजनाबद्ध तरीके से रणनीति को अमलीजामा पहनाने वाले कप्तान के तौर पर जाने जाते हैं। वह अपने मैच अप्स से भली भांति अवगत होते हैं और अमूमन कोई ऐसा रुख नहीं अपनाते जिसकी उन्होंने योजना नहीं बनाई है। हालांकि उन्होंने इस बार अपने इस रुख के विपरीत भी बात रखी।

रोहित ने कहा, "कभी-कभी आपको यह महसूस होता है कि यह व्यक्ति आपके लिए काम को पूरा करेगा। हां आपको मैच अप्स भी देखने होते हैं। हम इन दिनों कई तरह के आंकड़ों से होकर गुजरे हैं और यह निष्कर्ष निकालने का प्रयास किया है कि ऑस्ट्रेलिया में लोगों ने कैसे सफलता प्राप्त की है। हालांकि वह दूसरे समय के आंकड़े हैं क्योंकि इस समय ऑस्ट्रेलिया में अधिक क्रिकेट नहीं खेली जाती है लेकिन हमारे लिए यह जरूरी था कि अक्तूबर-नवंबर के समय का हम डेटा एकत्रित करें और देखें कि कैसे लोगों ने यहां पर सफलता प्राप्त की है। हमने हर पहलू को छुआ है, एक टीम और एक खिलाड़ी के तौर पर भी। इसलिए दोनों ही जरूरी हैं लेकिन किसी खास दिन आपको यह लगता है कि यह व्यक्ति अच्छी गेंदबाजी कर रहा है और इसे मौका दिया जाना चाहिए। जिस दिन हमें जो प्लेइंग इलेवन ठीक लगता है हम उसी एकादश के साथ जाते हैं।"

रोहित ने कहा, "हमने कुछ इसी तरह की तैयारी की है। यहां आने से पहले ही खिलाड़ियों को इस बारे में अवगत करा दिया गया था कि यदि हमें मैच से पहले मैच अप्स को देखते हुए एकादश में बदलाव करने पड़े तो हम करेंगे। ऐसे में यह ऐसा नहीं होगा कि हम आखिरी समय पर टीम में बदलाव कर रहे होंगे, सभी खिलाड़ी पहले से ही इससे अवगत हैं।

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रोहित से यह पूछा गया कि चूंकि वह पहली बार वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में टीम इंडिया का नेतृत्व कर रहें तो क्या यह उनके करियर का अब तक का सबसे बड़ा मुकाबला होने वाला है? हालांकि वह इस निष्कर्ष सहमत नहीं दिखे क्योंकि वह पहले ही पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप फाइनल जीतने वाली टीम के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी का एक फाइनल मुकाबला भी खेला जिसमें भारतीय टीम को हार मिली थी। रोहित के चेहरे पर मुस्कान आई और वह क्रिकेट पर लौट गए। 

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