भारत बनाम वेस्टइंडीज के बीच खेले गए टॉप 5 सबसे बेहतरीन टेस्ट सीरीज

Updated: Wed, Jul 13 2016 21:53 IST

13 जुलाई, नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। भारत और वेस्टइंडीज के बीच 4 टेस्ट मैचों की शुरुआत 21 जुलाई से एंटीगुआ में होने वाली है। ऐसे में कोहली एंड कंपनी की टीम अपने नए हेड कोच अनिल कुंबले के साथ तैयारियों में जुटी है। अगर बात करें पिछले 5 टेस्ट मैचों की तो भारत की टीम ने पांचों टेस्ट मैच अपने नाम की है जिसमें भारत ने वेस्टइंडीज की धरती पर 2 टेस्ट मैचों पर कब्जा जमाया था तो वहीं 2 टेस्ट मैच भारत ने भारत में ही वेस्टइंडीज को पटखनी दी थी। वेस्टइंडीज टीम के लिए सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि वेस्टइंडीज साल 2002 से कोई भी टेस्ट मैच नहीं जीत सका है। अब जब 21 जुलाई से टेस्ट सीरीज का आगाज होने जा रहा है तो वेस्टइंडीज की युवा टीम चाहेगी कि अपने इस रिकॉर्ड में कुछ सुधार कर सके लेकिन कोहली एंड कंपनी के सामने वेस्टइंडीज के लिए ऐसा कुछ करना टेढ़ी खीर साबित होगा। ये भी पढ़ें एबी डी विलियर्स के शॉट पर मैदान में हुआ बड़ा हादसा, हॉस्पिटल पहुंचा ये खिलाड़ी

लेकिन आपको बता दें कि एक दौर में वेस्टइंडीज के साथ भारत का सीरीज क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद उत्सुकता वाला रहता था इसके पीछे कारण ये था कि जब कभी भी दोनों टीम आमने- सामने रहती थी तो शानदार मुकाबले देखने को मिलते थे। आईए हम बात करते हैं ऐसे 5 सबसे बेहतरीन टेस्ट सीरीज के बारे में क्रिकेट का रोमांच अपने चरम पर था। ...

# साल 1974, भारत बनाम वेस्टइंडीज, भारत (वेस्टइंडीज की टीम ने भारत को 3-2 से हराकर सीरीज पर किया था अपने नाम): भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया ये एक मात्र ऐसा टेस्ट सीरीज था जब सीरीज के सभी मैचों का परिणाम निकला था। इस टेस्ट सीरीज के 3 साल पहले भारत ने पहली बार वेस्टइंडीज को वेस्टइंडीज की धरती पर हराकर टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाबी हासिल की थी।  साल 1971 में वेस्टइंडीज में भारत ने 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में वेस्टइंडीज को 1- 0 से टेस्ट सीरीज हराया था। तीन साल पहले भारत से अपनी ही धरती पर पिटने के बाद वेस्टइंडीज टीम साल 1974 में भारत को हराने के इरादे से भारत पहुंची थी। बेंगलुरु में खेले गए पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज की टीम ने कमाल का खेल दिखाकर भारत को 267 रन के भारी अंतर से पहले टेस्ट मैच में हराकर सीरीज में 1- 0 की बढ़त बना ली। महेंद्र सिंह धोनी के ऑस्ट्रेलियाई कंपनी ने की करोड़ों की धोखाधड़ी

बेंगलुरु में खेले गए पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ी विवियन रिचर्ड्स ने डेैब्यू किया था। पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज के बल्लेबाज एल्विन कल्लीचररन, गॉर्डन ग्रीनीज औऱ क्लाइव रॉयड की शानदार पारी के बदौलत वेस्टइंडीज की टीम ने पहला टेस्ट मैच जीतने में सफलता पाई थी।  इसके बाद दिल्ली में दूसरा टेस्ट मैच खेला गया, शानदार जोश में दिख रही वेस्टइंडीज की टीम ने यहां पर भी अपना शानदार खेल जारी रखा और अपना दूसरा ही टेस्ट मैच खेल रहे विवियन रिचर्ड्स ने दूसरी पारी में 192 रन की पारी खेली। वेस्टइंडीज की टीम ने दूसरा टेस्ट मैच 17 रनों से अपने नाम किया था। शुरुआती दोनों टेस्ट मैच हारने के बाद भारत की टीम ने तीसरा टेस्ट मैच कोलकाता के ईडन गार्डन में खेला और टेस्ट मैच जीतने में सफलता पाई। तीसरे टेस्ट मैच में गुंडप्पा विश्वनाथ ने शतक जमाकर भारत को जीत दिलाने में खास भूमिका निभाई तो गेंदबाज बिशन सिंह बेदी ने टेस्ट मैच में 6 विकेट लेकर भारत के लिए जीत के दरवाजे खोलने में अहम किरदार निभाया था। तीन टेस्ट मैचों के बाद चौथा टेस्ट मैच चेन्नई में खेला गया था जहां एक बार फिर से गुंडप्पा विश्वनाथ का जादू चला और पहली पारी में 97 रन की पारी तो वहीं दूसरी पारी में भारत की तरफ से अंशुमन गायकवाड़ ने 80 रन की मैच जीताऊ पारी खेली जिसके बदौलत भारत सीरीज का चौथा टेस्ट मैच 100 रनों से जीतने में कामयाब हुआ था। चौथे टेस्ट मैच में भारत के गेंदबाजों ने करिश्मा कर दिखाया था। खासकर प्रसन्ना और बिशन सिंह बेदी ने आपस में 15 विकेट चटकाए थे। पिता की मौत के बाद भी डटे रहे मैदान पर: कोहली

पांचवां और सीरीज का आखरी टेस्ट मैच मुंबई में खेला गया था। आखरी टेस्ट मैच को वेस्टइंडीज ने अपने नाम करने में सफलता पाई थी। आखरी टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड ने जमकर बल्लेबाजी की और पहली पारी में 242 रन की मैराथन पारी खेलकर भारत की जीत की उम्मीद पर पानी फेर दिया था। हालांकि भारत के बल्लेबाजों ने मैच को बचाने की भरसकर कोशिश की थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया था और वेस्टइंडीज ने 201 रनों से भारत को हराकर 5 मैचों की सीरीज को 3- 2 से अपना नाम कर 3 साल पहले की हार का बदला ले लिया था। आखरी टेस्ट मैच में भारत के तरफ से एकनाथ सोलकर ने 102 रन की संघर्ष भरी पारी खेली थी। आंकड़ों के आइने में भारत औऱ वेस्टइंडीज

# साल 1976, भारत बनाम वेस्टइंडीज, वेस्टइंडीज (4 मैचों की सीरीज को वेस्टइंडीज वे 2-1 से जीता): वेस्टइंडीज के दौरे पर गई भारतीय क्रिकेट टीम को सीरीज में 2-1 से हार झेलनी पड़ी थी। ब्रिजटाउन में खेले गए पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज की टीम ने भारत एक पारी और 97 रन से हरा दिया। पहले टेस्ट मैच में क्लाइव लॉयड और विवियन रिचर्ड्स ने शतक जमाकर भारत के गेंदबाजों की जमकर खबर ली थी। पहले टेस्ट मैच में भारत की बल्लेबाजी पूरी तरह से चरमरा गई थी। भारत के तरफ से विश्वनाथ और मदन लाल ने अर्धशतक जमाए थे लेकिन वेस्टइंडीज की शानदार गेम प्लान के आगे भारत को झुकना पड़ा था। पहला टेस्ट मैच हारने के बाद भारत की टीम ने पोर्ट ऑफ़ स्पेन में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में सुनिल गावस्कर और बृजेश पटेल के शतक के कारण दूसरा टेस्ट मैच ड्रा कराने में सफलता पाई थी। सुनील गावस्कर ने पहली पारी में 156 रन की पारी खेली तो वहीं बृजेश पटेल ने नॉट आउट रहकर 115 रन बनाए जिससे भारत दूसरा टेस्ट मैच ड्रा करा पाने में सफल रहा था। वेस्टइंडीज की ओर में विवियन रिचर्ड्स का बल्ला बोला था और 130 रन पहली पारी में बनाए थे। तो वहीं भारत के तरफ से टेस्ट मैच ड्रा कराने का श्रेय गेंदबाज विशन सिंह बेदी को भी जाता हैं जिन्होंने दूसरे टेस्ट मैच में कुल 8 विकेट बटोरे थे। पॉर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में भारत ने कमाल का खेल दिखाया खासकर बल्लबाजों ने असंभव जैसे लक्ष्य को हासिल कर टेस्ट क्रिकेट में नया इतिहास लिख दिया था. तीसरे टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज ने भारत को चौथी पारी में 403 रनों का लक्ष्य दिया था जिसे भारत ने सुनील गावस्कर के 102 रन और गुडप्पा विश्वनाथ के 112 रन की बदौलत 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया। किंगस्टन में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में भारत के लिए सीरीज को टाय कराने का मौका मिला। लेकिन जिस अंदाज में कैरेबियन टीम ने भारत की टीम की हालत खराब की वो गजब का था। वेस्टइंडीज की टीम ने भारत को 10 विकेट से हराकर सीरीज को 2- 1 से अपने नाम कर लिया था। मिस्बाह ने रचा बड़ा इतिहास, तोड़ा 38 साल पुराना रिकॉर्ड

# साल 1987, भारत बनाम वेस्टइंडीज, भारत (4 टेस्ट मैचों की सीरीज में 1- 1 से ड्रा रहा): भारत में खेले गए 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में दोनों टीमों ने बराबरी का खेल दिखाया था जिसके कारण भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट सीरीज 1- 1 की बराबरी पर रहा था। पहला टेस्ट मैच दिल्ली में खेला गया था जहां वेस्टइंडीज की टीम ने भारत को आश्चर्यजनक ढ़ंग से 5 विकेट से हराकर सीरीज में 1- 0 की बढ़त ले ली थी. सीरीज का पहला टेस्ट मैच काफी कम स्कोर वाला रहा था जहां भारत की टीम पहली पारी में केवल 75 रन बनाकर आउट हो गई थी। इसके जबाव में वेस्टइंडीज की टीम 127 रन पर सिमट गई । लेकिन इसके बाद भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी में थोड़ी अच्छी बल्लेबाजी की और दिलीप वेंगसरकर ने शतक 102 जमाकर टीम के स्कोर को 327 रन पर पहुंचाने में कारगर भूमिका निभाई थी. जिसके कारण वेस्टइंडीज को जीत के लिए भारत ने 276 रन का स्कोर दिया जिसे वेस्टइंडीज ने आसानी के साथ 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया। सीरीज में खेले गए दूसरा और तीसरा टेस्ट मैच ड्रा पर खत्म हुआ लेकिन सीरीज का चौथा टेस्ट मैच जो चेन्नई में खेला गया था उसे भारत ने जीतकर सीरीज को ड्रा कराने में सफलता पाई थी।  भारत को जीत दिलाने में भारत के ऑल राउंडर कपिल देव के शतक 109 रन के बदौलत भारत ने वेस्टइंडीज को 255 रन से हराकर सीरीज को 1- 1 से ड्रा कर दिया था। कपिल देव के अलावा जिस खिलाड़ी के योगदान को कपिल देव के बाद याद किया जाता है वो खिलाड़ी हैं नरेंद्र हिरवानी जिन्होंने अपनी गेंदबाजी से कमाल करते हुए 16 विकेट चटकाए थे। सर रविंद्र जडेजा ने समुंद्रर के बीचों- बीच किया ये डेयर डेविल्स एक्ट- देखें वीडियो

# साल 1994, भारत बनाम वेस्टइंडीज, भारत ( 3 टेस्ट मैचों की सीरीज 1- 1 से बराबरी पर रहा): सीरीज के पहले टेस्ट मैच में वानखड़े स्टेडियम में भारत ने वेस्टइंडीज को 96 रन से हराकर सीरीज में बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद नागपुर में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत के युवा बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर समेत कई बल्लेबाजों का जादू चला। भारत की पहली पारी में खासकर तेंदुलकर ने 179 रन तो वहीं नवजोत सिंह सिंद्धू ने 107 रन की पारी खेली। कप्तान अजहर ने भी 97 रन की पारी खेली थी। भारतीय बल्लेबाजों की शानदार पारी के बदौलत सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच ड्रा रहा था। सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच वेस्टइंडीज ने 243 रन से जीतकर सीरीज को अपने नाम कर लिया था। वेस्टइंडीज के बल्लेबाज़ जिमी एडम्स ने 174 रन लाजबाव पारी खेली थी जिसके बदौलत वेस्टइंडीज की टीम पहली पारी में 443 रन का स्कोर खड़ा करने में सफल रही। इसके जबाव में भारत की टीम मनोज प्रभाकर के शतक 120 रन के सहारे भारत ने 387 रन बनाए। इसके बाद वेस्टइंडीज की टीम ने अपनी दूसरी पारी में तेजी से रन बनाए और 56. 3 ओवर में 301 रन बनाकर पारी को घोषित कर दिया। वेस्टइंडीज ने भारत को 354 रन का लक्ष्य दिया। लेकिन वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने भारत की टीम को केवल 114 रन पर ऑल आउट कर मैच को 260 रन से अपने नाम कर लिया और सीरीज 1- 1 की बराबरी पर रह गई। वेस्टइंडीज के बल्लबाज जिमी एडम्स को शानदार बल्लेबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज का खिताब दिया गया था। मुश्किल हालात से लड़ना सिखाएंगे कुंबले : सचिन तेंदुलकर

# साल 2002, भारत बनाम वेस्टइंडीज, वेस्टइंडीज (5 टेस्ट मैचों की सीरीज को वेस्टइंडीज ने 2- 1 से अपने नाम किया). वेस्टइंडीज दौरे पर भारत की टीम 5 मैचों की सीरीज 2-1 से हार गई थी. सीरीज का पहला टेस्ट मैच गुयाना में खेला गया जो ड्रा पर खत्म हुआ था। इसके अलावा दूसरा टेस्ट मैच जो पॉर्ट ऑफ स्पेन में खेला गया था इस टेस्ट मैच में भारत के बल्लेबाज सचिन ने कमाल दिखाया और शतक जमाए। सचिन के अलावा लक्ष्मण का भी बल्ला दूसरे टेस्ट मैच में चला था। भारत की टीम दूसरा टेस्ट मैच अपने बल्लेबाजों के बदौलत 37 रन से जीतने में कामयाब रही थी। सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच वेस्टइंडीज 10 विकेट से जीतने में कामयाब रहा था जिससे सीरीज में वेस्टइंडीज 2-1 से भारत से आगे हो गई थी। सीरीज का चौथा टेस्ट मैच ड्रा पर खत्म हुआ था। सीरीज के आखरी टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज की टीम 155 रन से जीतने में कामयाब रही थी। वेस्टइंडीज के तरफ से बल्लेबाज ववेल्ल हिंड्स ने शतक जमाए थे तो वहीं भारत के तरफ से सिर्फ तेंदुलकर, गांगुली और लक्ष्मण की बल्लेबाजी ने अपना जौहर दिखाया था। वेस्टइंडीज के गेंदबाज मर्विन ढिल्लोंस की गेंदबाजी ने कहर बरपाया था। आखरी टेस्ट मैच में ववेल्ल हिंड्स को उनके शानदार बल्लेबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब मिला था तो मैन ऑफ द सीरीज का खिताब महान शिवनारायण चंद्रपॉल ने अपने नाम किया था। युवराज सिंह के बाद कैंसर की चपेट में आया ये क्रिकेटर

आपको बता दें कि इसके बाद से वेस्टइंडीज की टीम भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतने में कामयाब नहीं हो पाई है।

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