आखिर कौन है ये सेनुरन मुथुसामी? टीम इंडिया के खिलाफ सेंचुरी जड़कर लूटा मेला

Updated: Sun, Nov 23 2025 15:48 IST
Image Source: Google

गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन साउथ अफ्रीका के ऑलराउंडर सेनुरन मुथुसामी ने अपने करियर की सबसे बड़ी पारी खेलकर मैच का रुख ही बदल दिया। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ा और भारत को टेस्ट मैच में गहरे दबाव में धकेल दिया। ये उपलब्धि उन्होंने 192 गेंदों में हासिल की, जो उनकी धैर्य, तकनीक और मानसिक दृढ़ता का शानदार उदाहरण थी।

इससे पहले उनका सर्वोच्च स्कोर पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 89 रन था। अफ्रीकी टीम के लिए सुबह का सत्र बेहद संयम वाला रहा। मुथुसामी और काइल वेरिन ने किसी भी जोखिम भरी गेंद से बचने की रणनीति अपनाई। दोनों ने केवल लाइन से हटकर फेंकी गई गेंदों को ही खेलने का फैसला लिया। मुथुसामी ने 121 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया और धीरे-धीरे पारी में रफ्तार जोड़ना शुरू किया। उनकी शॉट सेलेक्शन परिपक्वता और नियंत्रण से भरी थी।

वेरिन ने भी संघर्षपूर्ण 45 रन बनाए, लेकिन चाय के बाद उनकी पारी का अंत स्टंपिंग के रूप में हुआ। हालांकि भारत को राहत की इस एक झलक का साउथ अफ्रीका की प्रगति पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। इसके बाद मुथुसामी को मार्को जेनसेन के रूप में एक मजबूत साथी मिला। दोनों ने मिलकर भारत के गेंदबाजों को थकाते हुए टीम को 400 के आंकड़े के पार पहुंचा दिया।

मैदान पर इस ऐतिहासिक दिन के साथ ही मुथुसामी सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गए और हर कोई उनकी कहानी के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गया। बता दें कि 22 फरवरी 1994 को डरबन में जन्मे सेनुरन भारतीय मूल के हैं। उनके माता-पिता तमिल वंश से हैं और उनका परिवार आज भी तमिलनाडु के नागपट्टिनम में बसा हुआ है। मुथुसामी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से गहरा जुड़ाव रखते हैं और अक्सर अपने भारतीय विरासत का ज़िक्र गर्व से करते हैं।

उन्होंने डरबन के क्लिफ्टन कॉलेज से अपनी पढ़ाई शुरू की और आगे क्वाज़ुलु-नटाल यूनिवर्सिटी से मीडिया और मार्केटिंग में विशेषज्ञता के साथ सोशल साइंस में स्नातक किया। उनकी क्रिकेटिंग यात्रा भी डरबन की गलियों और स्कूल क्रिकेट से शुरू हुई, जहां वो जल्द ही अपनी प्रतिभा की वजह से पहचाने जाने लगे। क्वाज़ुलु-नटाल के लिए अंडर-11 से अंडर-19 स्तर तक खेलने के बाद मुथुसामी को समझ आया कि वो प्रोफेशनल क्रिकेटर बन सकते हैं।

Also Read: LIVE Cricket Score

निरंतर सुधार और मेहनत ने उन्हें साउथ अफ्रीका के अंडर-19 ढांचे तक पहुंचाया। 2015-16 सीज़न में उन्हें डॉल्फ़िन्स ने टॉप-ऑर्डर बल्लेबाज के रूप में साइन किया और वहीं से उनकी प्रथम श्रेणी करियर की मजबूत नींव पड़ी और उसके बाद जब साउथ अफ्रीका के लिए उन्हें मौका मिला तो वो लगातार सुर्खियां बटोरने में सफल रहे हैं।

TAGS

संबंधित क्रिकेट समाचार ::

सबसे ज्यादा पढ़ी गई खबरें