कौन है रघु राघवेंद्र? टीम इंडिया के थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट का मोटिवेशनल वीडियो हुआ वायरल
भारतीय क्रिकेट टीम के थ्रोडाउन विशेषज्ञ रघु इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में हैं। इसका कारण है उनका एक प्रेरणादायक वीडियो, जो हाल ही में काफी वायरल हुआ है। ये वीडियो 22 सितंबर को पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद ड्रेसिंग रूम में दिए गए भाषण का है। इस दौरान टीम इंडिया के खिलाड़ियों को पदक दिए जा रहे थे और रघु ने सभी को जीवन और खेल से जुड़ी कुछ अहम बातें बताईं।
वायरल वीडियो में अपने भाषण में रघु ने कहा, "प्रतिभा ईश्वर की देन है, इसलिए विनम्र रहना चाहिए। प्रसिद्धि इंसानों की ओर से मिलती है, इसके लिए आभार जताओ। एकाग्रता आपकी अपनी होती है, इसका ध्यान रखो। प्रेरणा कुछ समय के लिए होती है, लेकिन अनुशासन हमेशा साथ रहता है। इस खेल में कोई भी पूरी तरह परफेक्ट नहीं होता। सीखते रहो और आगे बढ़ते रहो। ईश्वर महान है।"
उनके इस भावनात्मक और सच्चे शब्दों ने न सिर्फ खिलाड़ियों को बल्कि सोशल मीडिया पर लाखों लोगों को छू लिया। क्रिकेट फैंस और खिलाड़ियों ने भी रघु की जमकर तारीफ की।
रघु, जिनका पूरा नाम राघवेंद्र है, कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के कुमटा कस्बे से आते हैं। बचपन से ही उन्हें क्रिकेट का बेहद शौक था, लेकिन उनके पिता इस राह के खिलाफ थे। इसके बावजूद रघु ने हार नहीं मानी और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के ट्रायल में भाग लेने के लिए हुबली पहुंचे। उस समय उनके पास न रहने की जगह थी, न कोई आर्थिक मदद। उन्होंने कई रातें बस स्टैंड, मंदिर और यहां तक कि कब्रिस्तान में भी गुज़ारीं। लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई जब उन्होंने धारवाड़ ज़ोन की एक टीम के लिए खेलते हुए 4 विकेट झटके।
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इसके बाद वो क्षेत्र में एक अच्छे गेंदबाज़ के रूप में पहचाने जाने लगे और उन्हें KSCA की ओर से रहने के लिए जगह भी मिली। दुर्भाग्य से एक हाथ की चोट ने उनके गेंदबाज़ी करियर को खत्म कर दिया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कोचिंग में कदम रखा। उन्होंने कर्नाटक रणजी टीम को कोचिंग दी और बिना वेतन KSCA के लिए काम करते रहे। 2008 में वो BCCI से जुड़े और 2011 में टीम इंडिया के थ्रोडाउन विशेषज्ञ बने। आज भी वो इसी भूमिका में भारतीय खिलाड़ियों को नेट्स में गेंदबाज़ी करके तैयार करते हैं।