VIDEO: धनश्री के साथ तलाक पर पहली बार तोड़ी चहल ने चुप्पी, 'सुसाइड करने का आ गया था मन में ख्याल'

Updated: Fri, Aug 01 2025 10:59 IST
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भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल ने आखिरकार अपनी पत्नी धनश्री वर्मा के साथ तलाक के बाद अपनी चुप्पी तोड़ दी है। चहल ने बताया कि उनके लिए वो समय किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि धनश्री वर्मा से तलाक की अफवाहों के बीच धोखाधड़ी के आरोपों का सामना करने के बाद उन्हें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

इस जोड़े ने 2020 में शादी की थी, लेकिन इस साल की शुरुआत में मार्च में उनका तलाक हो गया। तीसरे साल में ही उनकी शादी में दरार आने लगी थी, लेकिन इस जोड़े ने इसे अपने बीच ही रखने का फैसला किया। हालांकि, तलाक की कार्यवाही के दौरान 'धोखेबाज़' कहे जाने से चहल को व्यक्तिगत रूप से बहुत ठेस पहुंची। अब उन्होंने एक पॉडकास्ट में इस बारे में खुलकर बात की।

चहल ने राज शमनी से उनके यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि जब मेरा तलाक हुआ, तो लोगों ने मुझ पर धोखेबाज़ होने का आरोप लगाया। मैंने अपने जीवन में कभी धोखा नहीं दिया। मैं उस तरह का इंसान नहीं हूं। आपको मुझसे ज़्यादा वफ़ादार कोई नहीं मिलेगा। मैं हमेशा अपने करीबी लोगों के लिए दिल से सोचता हूं। मैं मांगता नहीं, हमेशा देता हूं। जब लोगों को कुछ पता नहीं होता, लेकिन वो मुझे दोष देते रहते हैं, तो आप सोचने लगते हैं।" 

चहल ने ये भी बताया कि तलाक के दौरान उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इतना बुरा असर पड़ा कि कई बार उनके मन में आत्महत्या के विचार भी आते थे और वो अपने कमरे में घंटों रोते रहते थे। आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, "मुझे आत्महत्या के विचार आते थे, मैं अपनी ज़िंदगी से थक गया था, मैं 2 घंटे रोता था। मैं सिर्फ़ 2 घंटे सोता था। ये 40-45 दिनों तक चला। मैं क्रिकेट से ब्रेक चाहता था। मैं क्रिकेट में इतना व्यस्त था कि ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहा था। मैं 2 घंटे सोता था। अपने दोस्त के साथ आत्महत्या के विचार साझा करता था। मैं डर जाता था।"

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अपनी बात खत्म करते हुए चहल ने कहा,"रिश्ता एक समझौते जैसा होता है। अगर एक नाराज़ होता है, तो दूसरे को सुनना पड़ता है। कभी-कभी दो लोगों का स्वभाव मेल नहीं खाता। मैं भारत के लिए खेल रहा था, वो भी अपना काम कर रही थी। ये 1-2 साल तक चला। उस समय, मैं इसमें इतना डूबा हुआ था कि मुझे यहां समय देना था, वहां समय देना था। मैं रिश्ते के बारे में सोच ही नहीं पा रहा था। फिर ऐसा रोज़ होता है, आप सोचते हैं, छोड़ो। दो महत्वाकांक्षी लोग साथ रह सकते हैं। हर किसी की अपनी ज़िंदगी होती है। हर किसी के अपने लक्ष्य होते हैं। एक साथी के तौर पर, आपको उसका साथ देना होता है। आप 18-20 सालों से किसी चीज़ के लिए काम कर रहे हैं, आप उसे रिश्ते के लिए नहीं छोड़ सकते।"

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