वर्ल्ड कप जीतने के बाद टीम इंडिया के सम्मान के लिए BCCI के पास नहीं थे पैसे,लता मंगेशकर ने गाना गाकर थी मदद

Updated: Tue, May 28 2019 17:15 IST
Lata Mangeshkar singing with 1983 cricket team (CRICKETNMORE)

क्रिकेट और बॉलीवुड का साथ हमेशा से चलता आ रहा है और जब-जब दोनों का संगम हुआ है तब-तब ये सुर्खियों में रहे हैं। आज आपकों एक ऐसी ही घटना बताएंगे जहां बॉलीवुड और क्रिकेट ने साथ मिलकर पूरे भारत को गौरवांवित किया।

साल 1983 में लॉर्ड्स के मैदान पर कपिल देव की अगुवाई में भारतीय टीम ने दो बार की वर्ल्ड चैंपियन वेस्टइंडीज को हराते हुए वर्ल्ड कप ट्राफी अपने नाम की। भारत के इस बड़े जीत की कल्पना शायद किसी को भी नहीं थी, यहां तक कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भी नहीं। यहीं कारण था बीसीसीआई के पास अपने खिलाड़ियों को देने के लिए ना तो कोई उपहार था और नाहीं कोई इनामी राशि।

बीसीसीआई के पास तब इतने पैसे नहीं थे कि वो अपने वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ियों को तोहफे में कुछ दे सकें। इसकी भरपाई के लिए भारतीय क्रिकेट के बोर्ड मेंबर्स ने एक संगीत कार्यकम का आयोजन कराया जहां उन्होंने दर्शकों की एंट्री पर टिकट रखीं। जिस शख्सियत ने इस संगीत कार्यक्रम में गानें की हामी भरी वो कोई और नहीं बल्कि भारत की सबसे प्रतिष्ठित गायिका लता मंगेशकर थी। 

 

लता मंगेशकर ने तब बीसीसीआई के प्रेसिडेंट रहे एनकेपी साल्वे के निवेदन पर दिल्ली के इंद्रप्रस्थ स्टेडियम में गाना गाया। लता जी जैसे बड़ी गायिका को देखने के लिए भारी संख्या में दर्शक आये और इस कार्यक्रम से करीब 20 लाख रुपये इकठ्ठे हुए। बाद में वर्ल्ड चैंपियन टीम के हर खिलाड़ियों को एक-एक लाख रुपये उपहार के तौर पर दिए गए। दिल जीतने वाली बात यह रही कि लता मंगेशकर ने अपनी महानता दिखाते हुए बीसीसीआई से इस कार्यक्रम के लिए एक भी रुपया नहीं लिया।

इस कार्यक्रम में लता मंगेशकर ने कई गानें गाएं लेकिन 'भारत विश्व विजेता' गानें को दर्शकों ने खूब सराहा। इस गाने का संगीत लता जी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने दिया था तो वहीं इसके बोल बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार 'इंदीवर' द्वारा लिखे गए थे। दिलचस्प बात यह है कि जब लता मंगेशकर स्टेज पर यह गाना गा रही थी तब भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी पीछे से उनकी सुर में अपना सुर मिला रहे थे। 

हालांकि बीसीसीआई ने 20 साल बाद की इस मदद का कर्ज उतारा। दरसअल लता मंगेशकर अपने पिता के नाम पर पुणे में एक हॉस्पिटल बनवाना चाहती थी। बीसीसीआई के उस समय के अध्यक्ष रहे जगमोहन डालमिया ने भारत और श्रीलंका के बीच एक चैरिटी मैच का आयोजन किया था और जो पैसे इस मैच से अर्जित हुए उसे हॉस्पिटल बनानें में मदद के तौर पर लता जी को दिया गया।

TAGS

संबंधित क्रिकेट समाचार

सबसे ज्यादा पढ़ी गई खबरें