World Cup 2019: क्रिकेट के महाकुंभ में खिताब के लिए भिड़ेने को तैयार हैं 10 टीमें 

Updated: Wed, May 29 2019 16:41 IST
Complete Preview ICC Cricket World Cup 2019 (Twitter)

लंदन, 29 मई (CRICKETNMORE)| आईसीसी वर्ल्ड कप का 12वां संस्करण गुरुवार से शुरू हो रहा है जहां 10 टीमें क्रिकेट का सरताज बनने के लिए जद्दोजहद करेंगी। 46 दिन तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में कुल 48 मैच खेले जाएंगे।

टूर्नामेंट का पहला मैच मेजबान इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाएगा। दोनों टीमों ने अभी तक एक भी वर्ल्ड कप खिताब नहीं जीता है।

इस संस्करण में टूर्नामेंट के प्रारूप में बदलाव किया गया है और इस बार टीमों को समूहों में बांटा नहीं गया। इस बार हर टीम को हर टीम से मैच खेलने होंगे और सेमीफाइनल में वो टीमें पहुंचेंगी जो लीग दौर के अंत के बाद अंकतालिका में शीर्ष-4 में होंगी। 

एक टीम कुल नौ मैच खेलेगी। बदले हुए प्रारूप के चलते यह टूर्नामेंट थोड़ा लंबा जरूर हो सकता है लेकिन रोमांच की कमी शायद ही रहे। इस बात का अंदाजा अभ्यास मैचों से लग चुका है। इस तरह के प्रारूप में अमूमन बेहतरीन प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) इसका अच्छा उदाहरण है।

अभ्यास मैच में इस बात के संकेत दे दिए हैं कि टूर्नामेंट में रनों की बारिश हो सकती है। वेस्टइंडीज ने अभ्यास मैच में जहां किवी टीम के खिलाफ 400 का आंकड़ा पार किया तो वहीं भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ 350 रनों से ज्यादा बनाए।

सभी टीमों के लिए जरूरी होगा कि वह अपने खेल में निरंतरता बनाए रखें क्योंकि इस तरह के प्रारूप में यही एक चीज है जो टीम को बिना किसी परेशानी के सेमीफाइनल में पहुंचा सकती है। अन्यथा हालात ऐसे भी हो सकते हैं कि अंतिम-4 में जाने के लिए दूसरी टीमों पर निर्भर होना पड़े। 

इस संस्करण में न सिर्फ प्रारूप में बदलाव किया गया है जबकि टीम की संख्या में भी कमी की गई है। 2015 और 2011 वर्ल्ड कप में कुल 14 टीमों ने हिस्सा लिया था। ऐसा हालांकि पहली बार नहीं है कि इस तरह के प्रारूप में पहली बार वर्ल्ड कप खेला जा रहा हो। इससे पहले 1992 में भी इसी प्रारूप में वर्ल्ड कप खेला गया था और तब नौ टीमों ने हिस्सा लिया था।

 

अगर खिताब के प्रबल दावेदारों की बात करें तो मेजबान देश के अलावा भारत का नाम सबसे ऊपर है। इसका कारण इन दोनों टीमों का हालिया फॉर्म है, लेकिन आस्ट्रेलिया ने 2019 में जिस तरह की फॉर्म दिखाई है, उससे वह भी रेस में है। 

वेस्टइंडीज और बांग्लादेश की टीमें बीते तीन संस्करणों से छुपे रुस्तम की तरह वर्ल्ड कप में आती रही हैं, लेकिन इस साल इन दोनों के साथ अफगानिस्तान का नाम भी है। उसने अभ्यास मैच में पाकिस्तान को हरा इस बात के संकेत दे दिए हैं कि वर्ल्ड कप में उसे हल्के में लेना किसी भी टीम के लिए बड़ी गलती साबित हो सकता है।

आस्ट्रेलिया जहां अपना खिताब बचाने उतरेगी तो वहीं इंग्लैंड की नजरें पहले वर्ल्ड कप खिताब पर होंगी। भारतीय टीम तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतने का सपना लेकर इंग्लैंड पहुंची है। भारत को अपना पहला मैच पांच जून को साउथैम्पटन में दक्षिण अफ्रीका से खेलना है। 

न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका भी कोश्शि में होंगी कि वह अपना खाता खोलें। दक्षिण अफ्रीका को वर्ल्ड कप में चोकर्स के नाम से जाना जाता है। इसके पीछे उसका पुराना वर्ल्ड कप का ऐन मौके पर हार जाने का इतिहास है। फाफ डु प्लेसिस की कप्तानी वाली टीम इस बार इस तमगे को हटाना चाहेगी। 

पिछली बार की उप-विजेता न्यूजीलैंड भी मजबूत टीम मानी जा रही है। हालांकि खिताब जीतने के लिए उसे अपने मौजूदा प्रदर्शन से बेहतर करना होगा।

टूर्नामेंट के लीग दौर का समापन छह जुलाई को होगा। नौ जुलाई से सेमीफाइनल मैच खेले जाएंगे। पहला सेमीफाइनल मैनचेस्टर और दूसरा सेमीफाइनल बर्मिघम में खेला जाएगा। 

 

टूर्नामेंट का फाइनल 14 जुलाई को क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में खेला जाएगा। 

टूर्नामेंट के मैच कुल 11 मैदान पर खेले जाएंगे। इनमें ब्रिस्टल का काउंटी मैदान, लंदन का लॉर्ड्स, नॉटिंघम का ट्रैंटब्रिज मैदान, मैनचेस्टर का ओल्ड ट्रैफर्ड, टॉटन का काउंटी मैदान, लंदन का द ओवल, चेस्टर ली स्ट्रीट का रिवरसाइड मैदान, लीड्स का हेंडिग्ले, बर्मिंघम का एजबेस्टन, साउथैम्पटन का द रोज बाउल, कार्डिफ का सोफिया गार्डन्स शामिल हैं। 

भारतीय समयानुसार मैच अपरान्ह तीन बजे से शुरू होंगे जबकि कुछ मैच शाम छह बजे से खेले जाएंगे।
 

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