IND vs SA,फ्लैशबैक: जब 14 दिन के अंदर भारत- साउथ अफ्रीका के बीच हुई थी दो टेस्ट सीरीज

Updated: Wed, Sep 25 2019 14:48 IST
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साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपने घर में पहली टेस्ट सीरीज जीतने के 14 दिन के अंदर ही भारतीय टीम एक और टेस्ट सीरीज के लिए साउथ अफ्रीका पहुंची थी। 

साउथ अफ्रीका में भारत की यह दूसरी टेस्ट सीरीज थी। हालांकि इसमें भी उसे पिछली सीरीज की तरह निराशा ही हाथ लगी। तीन मैचों की इस सीरीज पर साउथ अफ्रीका ने 2-0 से कब्जा किया था। आइए जानते हैं उस सीरीज के तीनों टेस्ट मैचों में क्या हुआ था। 

पहला टेस्ट, 26 से 28 दिसंबर 1996, डरबन

भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर ने पहले टेस्ट में टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। जिसके बाद साउथ अफ्रीका ने ओपनर एंड्रयू हडसन की सर्वाधिक 80 रन की बदौलत पहली पारी में 235 रन बनाए। इसके जवाब में एलन डोनाल्ड (5/40) की कहर बरपाती गेंदबाजी के आगे भारतीय टीम को सिर्फ 100 रनों पर ढेर हो गई। जिसमें सौरव गांगुली ने सर्वाधिक 16 रन बनाए।  

पहली पारी में मिली 135 रनों की विशाल बढ़त के बाद साउथ अफ्रीका ने दूसरी पारी में एंड्रयू हडसन (52), एडम बेचर (55) और ब्रायन मैकमिलन (नाबाद 51) के अर्धशतकों के दम पर 259 रन बनाए और भारत को जीत के लिए 395 रनों का विशाल लक्ष्य दिया।   

भारतीय टीम दूसरी पारी में और फिसड्डी साबित हुई और सिर्फ 66 रन पर ही ऑलआउट हो गई। भारत के लिए राहुल द्रविड़ ने सबसे ज्यादा 27 रन बनाए और साउथ अफ्रीका के लिए एलन डोनाल्ड ने 14 रन देकर 4 विकेट लिए। 

पहले टेस्ट मे मिली इस 328 रन की विशाल जीत के साथ साउथ अफ्रीता ने सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई थी। 

 

दूसरा टेस्ट, 2 से 6 जनवरी 1997, केपटाउन

केपटाउन में खेले गए दूसरे टेस्ट में साउथ अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोनिए ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, जो टीम के लिए बहुत बढ़िया साबित हुआ। गैरी कर्स्टन (103), ब्रायन मैकमिलन (नाबाद 103 रन) औऱ लांस क्लूजनर (नाबाद 102) के शानदार शतकों के दम पर साउथ अफ्रीका ने 7 विकेट के नुकसान पर 529 रन का विशाल स्कोर बनाकर पारी घोषित कर दी।

इसके जवाब में भारत के लिए भी कप्तान सचिन तेंदुलकर (169) और मोहम्मद अजहरुद्दीन (115) ने भी शतक जड़े, लेकिन बाकी सभी बल्लेबाज फ्लॉप रहे। जिसके चलते भारत पहली पारी में 359 रन ही बना पाया।

170 रन की बढ़त के साथ बल्लेबाजी करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम में दूसरी पारी में एंड्रयू हडसन (55), डेरल कूलियन और ब्रायन मैकमिलन (नाबाद 59) के अर्धशतकों की बदौलत 6 विकेट के नुकसान पर 256 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। 427 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम सिर्फ 144 रनों पर ढेर हो गई, जिसमें वीवीएस लक्ष्मण ने सबसे ज्यादा नाबाद 35 रन बनाए। इस मैच में मिली 282 रनों की विशाल जीत के साथ साउथ अफ्रीका ने टेस्ट सीरीज पर कब्जा कर लिया था। 

 

तीसरा टेस्ट, 16 से 20 जनवरी 1997, जोहनसबर्ग

तीसरे टेस्ट में भारत ने टॉस जीता और सीरीज में पहली बार पहले बल्लेबाजी करने उतरी और राहुल द्रविड़ (148) के शानदार शतक और सौरव गांगुली (73) के अर्धशतक के दम पर पहली पारी में 410 रन बनाए। इसके जवाब में मेजबान साउथ अफ्रीका ने शोन पोलाक के सर्वाधिक 79 के दम पर 321 रन बनाए।

89 रनों की बढ़त के साथ बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय़ टीम ने 8 विकेट के नुकसान पर 266 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। राहुल द्रविड़ (81), सौरव गांगुली ( 60) और नयन मोंगिया (50) ने अर्धशतक जड़ा।

356 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका की टीम ने पांचवें दिन का खेल खत्म होने तक 8 विकेट के नुकसान पर 228 रन बनाए और मैच ड्रॉ करा दिया। इसके साथ ही साउथ अफ्रीका ने 2-0 से सीरीज अपने नाम कर ली। 

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