174 गेंदों में मात्र 36 रन बनाकर सुनील गावस्कर हुए थे शर्मसार, हार रही थी टीम लेकिन टुक-टुक नहीं हुआ बंद

Updated: Tue, Jun 08 2021 19:40 IST
Image Source: Google

आज ही के दिन यानी 7 जून 1975 में पुरुषों के पहले क्रिकेट वर्ल्ड कप की शुरुआत भारत-इंग्लैंड के मुकाबलें के साथ हुई थी। हालांकि इससे 2 साल पहले ही महिलाओं के वर्ल्ड कप का आयोजन 1973 में हो गया था जहां इंग्लैंड ने बाजी मारी थी।

7 जून, साल 1975 को क्रिकेट वर्ल्ड का पहला मैच खेला गया जहां भारत का सामना मेजबान इंग्लैंड से हुआ। आज ही के दिन खेला गया यह मैच सुनील गावस्कर की उस पारी का साक्षी है जिसके ऊपर आज तक कई सवाल उठते हैं और इसे क्रिकेट इतिहास की सबसे विवादित पारियों में गिना जाता है।

मैच में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। उन्होंने भारती की गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाते हुए 60 ओवरों में 4 विकेट के नुकसान पर 334 रन बना डालें। अंग्रेजों की तरफ से डेनिस अमीस ने सबसे ज्यादा 137 रन बनाए। इसके अलावा केथ फ्लेचर ने 68 रनों का योगदान दिया।

भारत के लिए पारी की शुरुआत करने आए सुनील गावस्कर और एकनाथ सोलकर। सुनील गावस्कर ने अपने अंदाज में पारी की शुरुआत की और लगा कि वो नई गेंद पर आंखें जमाने के लिए वक्त ले रहे हैं। लेकिन उसके बाद जब बढ़ते ओवरों के बाद उनके धीमे खेलने का रवैया जारी रहा तो मैदान पर बैठे दर्शकों में भी वो आक्रोश धीरे-धीरे दिखने लगा। सही मायने में वो गावस्कर की बल्लेबाजी से अब तंग आने लगे।

बीच में एक बार यह भी हुआ कि कुछ दर्शक अपनी नाराजगी जताने दौड़ कर मैदान में गावस्कर के पास चले गए। 

जब भारत की पारी खत्म हुई तो टीम का स्कोर 3 विकेट के नुकसान पर 132 रन था और भारत को 202 रनों की बड़ी हार का सामना करना पड़ा। गावस्कर मैच में नाबाद रहे लेकिन इसका कुछ फायदा नहीं हुआ। उन्होंने क्रिकेट फैंस को दुखी करने वाली पारी खेली थी और वो 174 गेंदों में 36 रन बनाकर अंत तक खड़े रहें।

इस हार के बाद तब भारतीय टीम के मैनेजर रहे जीएस रामचंद्र ने एक बयान देते हुए कहा था," यह आज तक का सबसे ज्यादा स्वार्थ से भरा हुआ और अपमानजनक प्रदर्शन था। उन्होंने(सुनील गावस्कर ने कहा कि विकेट काफी धीमा था और बल्लेबाजी बेहद मुश्किल थी लेकिन यह कहना काफी मूर्खता भरा है क्योंकि इंग्लैंड की टीम ने इसी पिच पर 334 रन बनाए है।"

गावस्कर ने भी तब इस पारी को लेकर ज्यादा बातों नहीं कि लेकिन कुछ सालों बाद उन्होंने एक बयान देते हुए कहा," वो कुछ ऐसा था जिसको मैं भी बयां नहीं कर सकता। अगर आप उस मैच के शुरुआती कुछ ओवरों को देखें तो मैंने कुछ ऐसे शॉट खेलें जो दोबारा नहीं देखना चाहता, उनमें से एक था क्रॉस बैट से स्लोग करना। मुझे ऐसी क्रिकेट की किताब से हटकर किसी भी शॉट को खेलकर कभी इतनी खुशी नहीं हुई। मुझे कई बार ऐसा भी लगा कि अगर मैं स्टंप के सामने से हटा तो बोल्ड हो जाउंगा।" 

TAGS

संबंधित क्रिकेट समाचार ::

सबसे ज्यादा पढ़ी गई खबरें