सचिन तेंदुलकर की लव स्टोरी का वह 'लव एट फर्स्ट साइट' वाला अनोखा सच
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar Love Story) से जुड़ी कई ख़ास स्टोरी हैं पर कुछ ख़ास ऐसी जो सिर्फ वही बता सकता है जो उन के या उन स्टोरी के बहुत नजदीक हो। सचिन तेंदुलकर की अपने से बड़ी उम्र की लड़की से शादी एक ऐसी ही स्टोरी है। कैसे मिले थे ये दोनों? इस स्टोरी का अनोखा सच जो सितंबर 1990 का है-
क्या आप जानते हैं सचिन तेंदुलकर की डा. अंजलि मेहता (यही अब उनकी पत्नी हैं) के साथ लव स्टोरी कहां और कैसे शुरू हुई? ये शुरू हुई बॉम्बे एयरपोर्ट पर और ये बात है सितंबर 1990 की। अंजलि तब मेडिकल स्टूडेंट थीं और (अपनी एक साथी स्टूडेंट दोस्त अपर्णा के साथ) एयरपोर्ट पर अराइवल्स में व्यूइंग गैलरी में थीं, इंग्लैंड से लौट रही अपनी मां को घर लाने के लिए। तभी एकदम एयरपोर्ट पर बड़ी जबरदत हलचल हुई और हर नजर गेट पर लगी थी। अपर्णा भी चिल्लाई- 'वह देख इंडिया की क्रिकेट टीम आ रही है!' टीम तब इंग्लैंड टूर से लौट रही थी।
अंजलि की नजर सीधे टीम के एक खिलाड़ी पर टिक गई- गोल-मटोल गालों और काले घुंघराले बालों वाले एक आकर्षक लड़के पर। फ़ौरन अपर्णा से पूछ लिया कि ये कौन है? जवाब मिला- तेंदुलकर। दोनों लड़कियां एकदम आगे आ गईं- ठीक बाहर निकलते क्रिकेटरों के सामने और अंजलि की नजर सिर्फ तेंदुलकर पर थी- एक दूसरे को देखा और आंखें भी मिलीं। अंजलि तो ये भी भूल गईं कि वे तो अपनी मां को रिसीव करने आई हैं- बस क्रिकेटरों की एक और झलक के लिए दोनों दोस्त सीढ़ियों से नीचे भागीं। सचिन तब 17 साल के थे और अंजलि 21 साल की।
सचिन तेंदुलकर उस समय भारत के नए सुपरस्टार थे- कुछ ही दिन पहले मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में अपना पहला टेस्ट 100 बनाया था और भारत को हार से बचाया था। अंजलि की मां एनाबेल मेहता (यानि कि अब सचिन तेंदुलकर की सासू मां) का मानना है कि एयरपोर्ट के उस पल तक, अंजलि ने किसी क्रिकेटर या क्रिकेट में कोई रुचि नहीं ली थी। अगले दिन के अखबार में एनाबेल मेहता ने एक न्यूज पढ़ी जिसमें लिखा था कि कुछ जोशीली लड़कियों के एक ग्रुप ने एयरपोर्ट पर तेंदुलकर को घेर लिया और यहां तक कि उनकी टैक्सी के बोनट पर भी चढ़ गईं। मां ने ये सोचा भी नहीं कि उनमें से एक उनकी मेडिकल स्टूडेंट बेटी भी थी।
ये सब बातें और कोई नहीं खुद एनाबेल मेहता (Annabel Mehta) बता रही हैं अपनी नई किताब माई पैसेज टू इंडिया (My Passage to India) में जो वेस्टलैंड बुक्स (Westland Books) से प्रकाशित है। अंजलि के तब 1-2 बॉयफ्रेंड थे पर किसी से भी दोस्ती से ज्यादा कुछ नहीं था। वे शायद और दूसरे लड़कों की नज़रों से बचने के लिए कवर ज्यादा थे। अंजलि लंबी और सुंदर थी और उनके लिए कई रिश्ते आ रहे थे पर मां को उम्मीद थी कि अंजलि खुद ही किसी एक सुंदर डॉक्टर से प्यार में पागल हो जाएगी, किसी ऑक्सफोर्ड ग्रेजुएट या एक अच्छी कॉर्पोरेट नौकरी वाले आईटी ग्रेजुएट को चुन लेगी। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी बेटी एक क्रिकेटर के प्यार में पड़ जाएगी।
तो उसके बाद क्या हुआ? अंजलि ने ये सब बातें अपनी मां को नहीं, अपनी मामी हेलेन को चिट्ठी में लिख दीं। उसमें एक फरमाइश भी लिखी पर वह एक अलग स्टोरी है। अभी 'लव एट फर्स्ट साइट' वाली स्टोरी का दूसरा एपिसोड देखते हैं। उस दिन एयरपोर्ट पर जो हुआ वह अंजलि के लिए पहली नजर का प्यार था। घर पहुंचते ही उसने अपने दोस्त एक क्रिकेट प्रेमी दोस्त मफी को फोन किया और उसकी ड्यूटी लगा दी किसी भी तरह से सचिन का फोन नंबर ढूंढने की। मेहनत लगी पर नंबर मिल गया पर उन्हें ये भी बता दिया गया कि सचिन घर पर कम ही मिलते हैं क्योंकि मैचों के लिए इधर-उधर घूमते रहते हैं।
तब भी एक दिन अंजलि ने फोन घुमा दिया। संयोग से तेंदुलकर मिल गए फोन पर। अंजलि ने अपना परिचय दिया- वही लड़की जो एयरपोर्ट पर मिली थी और आमना-सामना भी हुआ था। यहां तक कि फिर से मिलने की फरमाइश भी जाहिर कर दी। वे ये सुन कर हैरान रह गईं कि सचिन ने कहा- हां, मुझे याद है। अंजलि को इस जवाब पर विश्वास नहीं हुआ और शरारती और चुलबुले अंदाज में पूछ लिया- ‘तो बताओ, मेरी टी-शर्ट का रंग क्या था?’
फटाफट जवाब आया- ‘नारंगी।’
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सासू मां लिखती हैं- ये वह 6 था जो सचिन का मास्टर स्ट्रोक था और बाकी सब इतिहास है। उन्हें उम्मीद है कि अंजलि ने उस टी-शर्ट को जरूर आज तक अपने पास संभाल कर रखा होगा।