आईपीएल : मथीशा पथिराना से पहले चेन्नई के लिए पहली गेंद पर विकेट का रिकॉर्ड किसके नाम था ?

Updated: Tue, May 17 2022 10:02 IST
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15 मई 2022 : मैच गुजरात टाइटंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स

इस मैच में चेन्नई की हार के बावजूद, उनकी तरफ से एक नए गेंदबाज के एक रिकॉर्ड का खूब जिक्र हुआ। श्रीलंका से आए युवा गेंदबाज मथीशा पथिराना ने आईपीएल में जो पहली गेंद फेंकी- उसी पर विकेट (शुभमन गिल) लिया। ये उनका आईपीएल डेब्यू मैच भी था।

मैच की हर रिपोर्ट में ये तो जिक्र हुआ कि अपने डेब्यू मैच में, पहली गेंद पर विकेट लेने वाले वे चेन्नई सुपर किंग्स के पहले गेंदबाज़ हैं पर ये कहीं जिक्र नहीं हुआ कि इस टीम के ऐसे दूसरे गेंदबाज हैं जिसने आईपीएल में अपनी पहली गेंद पर विकेट लिया। तो ये रिकॉर्ड बनाने वाला पहला गेंदबाज कौन था?

इस उपलब्धि का जिक्र तो, हैरानी की बात है कि जिस मैच में ये रिकॉर्ड बना, उसकी रिपोर्ट में भी नहीं मिलता। शायद इसलिए कि इस रिकॉर्ड के बावजूद वह गेंदबाज बहुत जल्दी गुमनामी के अंधेरे में खो गया। वैसे भी उस खिलाड़ी का ज्यादा जिक्र उसकी बल्लेबाजी के लिए होता है न कि उसकी गेंदबाजी के लिए। साथ ही इस खिलाड़ी का नाम दो अलग-अलग तरह लिखने का सिलसिला भी आज तक चला आ रहा है।

चलिए सीधे चलते हैं आईपीएल के 2008 सीजन पर। चेन्नई के जिन स्थानीय खिलाड़ियों को टीम ने पहले सीजन में मौका दिया, उनमें से एक नाम विद्युत शिवरामकृष्णन का था। उस सीजन के मैचों के स्कोर बुक में नाम एस विद्युत लिखा है। 12 लाख रुपये का कॉन्ट्रैक्ट दिया टीम ने। क्या था उनका परिचय :

तमिलनाडु के पूर्व सलामी बल्लेबाज, वेंकटरामन शिवरामकृष्णन के बेटे, अपने दूसरे घरेलू सीजन में ही अनोखा रिकॉर्ड बनाया- चेन्नई में दिल्ली के विरुद्ध 122 गेंदों में 115 रन रणजी ट्रॉफी में और ख़ास बात ये कि ये शतक नंबर 11 पर बल्लेबाजी करते हुए बनाया। रवि शास्त्री की तरह विद्युत भी टीम में ऊपर के नंबर पर आते गए और आखिर में ओपनर बने। शुरू में एक गेंदबाज- ऑलराउंडर जिसने अंडर 19 से खब्बू स्पिनर के तौर पर प्रभावित किया। 2000-01 में इंग्लैंड विरुद्ध अंडर-19 सीरीज में तीन मैच में 17 विकेट। एक बड़ी अजीब बात ये है कि एस विद्युत के नाम का जिक्र सुशांत सिंह राजपूत वाली 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' में भी है- विद्युत को 2000 में भारत की अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम में चुना जबकि एमएस धोनी चूक गए।

तब भी गेंदबाजी में धीरे-धीरे पिछड़ते गए और बल्लेबाज बन गए। 2005 में मोहाली में चैलेंजर ट्रॉफी के फाइनल में सचिन तेंदुलकर के साथ ओपनर थे और मैच जीतने की कोशिश में 87 रन बनाए। उसके बाद तो हालत ये हुई कि तमिलनाडु की रणजी टीम में भी लगातार जगह नहीं मिली। ऐसे में आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलने का मौका करियर के लिए टॉनिक था।

वह 24 मई 2008 का दिन था। मैच- चेन्नई सुपर किंग्स बनाम राजस्थान रॉयल्स। ये वही मैच है जिसमें पाकिस्तान से आए सोहेल तनवीर ने राजस्थान के लिए गजब की गेंदबाजी की- 14 रन पर 6 विकेट (तब टी 20 क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ आंकड़े) और चेन्नई सुपर किंग्स पर आठ विकेट से आसान जीत दर्ज की। जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम के इसी मैच में विकेट की तलाश में अचानक ही धोनी ने विद्युत को गेंद दी। नतीजा- पहली ही गेंद पर स्वप्निल असनोदकर 32 (30 गेंद, 5x4) आउट। तब भी धोनी ने सिर्फ दो ओवर फिंकवाए (1-22) और मजे की बात ये है कि उसके बाद किसी भी मैच में विद्युत को गेंद नहीं दी।

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वह दो सीज़न तक टीम के साथ रहे- 9 मैच जिसमें एक अर्धशतक के साथ 145 रन 133.03 के स्ट्राइक रेट से। साधारण फॉर्म और अन्य युवा खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के कारण उन्हें सीएसके ने रिलीज कर दिया। आखिरी बार 2009 में केपटाउन के न्यूलैंड्स में कोलकाता नाइट राइडर्स के विरुद्ध आईपीएल मैच खेले। एस विद्युत को फिर कभी मौका नहीं मिला। नीलामी में किसी और टीम ने नहीं खरीदा और इसके बाद जल्दी ही घरेलू क्रिकेट से भी रिटायर हो गए। अपने प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए करियर में क्रमशः 10 शतक और 18 अर्धशतक के साथ 2,486 और 1,950 रन बनाए। कोच बने- तमिलनाडु प्रीमियर लीग में मदुरै जायंट्स के साथ काम किया। आईपीएल दिल्ली टीम ने भी एक बार प्री-सीजन ट्रेनिंग कैंप में बुलाया था।

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