भारत का नया स्टार यशस्वी जायसवाल, सबसे कम उम्र में जड़ा दोहरा शतक, गोल-गप्पे भी बेचे और टैंट में भी रहा

Updated: Mon, Jan 18 2021 21:25 IST
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मुंबई के युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने बुधवार (16 अक्टूबर) को झारखंड के खिलाफ खेले गए विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबले में दोहरा शतक जड़कर इतिहास रच दिया।  यशस्वी ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 154 गेंदों में 17 चौकों औऱ 12 छक्कों की मदद से 203 रन की पारी खेली। इसके साथ ही वह लिस्ट ए यानी वनडे क्रिकेट में सबसे कम उम्र में दोहरा शतक मारने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।  यशस्वी ने ये कारनामा सिर्फ 17 साल 292 दिन की उम्र में किया। 

18 दिन पहले किया था डेब्यू

28 सितंबर 2019 को छत्तीसगढ़ के खिलाफ हुए मुकाबले से यशस्वी ने अपने लिस्ट ए करियर की शुरूआत की थी। जिसके बाद धमाल मचाते हुए उन्होंने सिर्फ 5 मैचों में 504 रन बना डाले हैं,जिसमें तीन शतक शामिल हैं। वह दुनिया के पहले खिलाड़ी हैं, जिसने पहले पांच लिस्ट ए मैचों में 500 ये ज्यादा रन बनाए हैं। 

बहुत संघर्ष भरा रहा जीवन

उत्तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले यशस्वी 10 साल की उम्र में क्रिकेट खेलने की चाहत लेकर मुंबई आए थे। उनका परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर था। शुरूआत के दिनों में वह क्रिकेट खेलने के दौरान अपने रिश्तेदारों के यहां रहे। लेकिन जब रिश्तेदारों ने उनसे पल्ला झाड़ा तो उन्हें काफी बुरे दिन देखने पड़े। मुंबई क्रिकेट की नर्सरी के नाम से मशहूर आजाद मैदान में मुस्लिम यूनाइटेड क्लब उन्हें ग्राउंड्समैन के साथ टैंट में रहने की जगह देने के लिए तैयार हो गया। लेकिन क्लब ने शर्त रखी कि अगर वह अच्छा खेलेंगे,तभी उन्हें टैंट में रहने की जगह मिलेगी। 

 

तीन साल यशस्वी टैंट में ही रहे,जहां बिजली तक नहीं थी। दिन भर आजाद मैदान में क्रिकेट खेलने के बाद वो वहीं टैंट में सो जाया करते थे। इस दौरान वह मैदान अंपायरिंग और स्कोरिंग का काम भी किया करते थे, जिसमें उन्हें दोपहर का खाना फ्री मिल जाता था और थोड़े बहुत पैसे भी, जिससे वह अपने बाकी समय के खाने का इंतजाम करते थे। 

गोल-गप्पे भी बेचे

पैसे की तंगी के चलते यशस्वी ने आजाद मैदान में गोल-गप्पे की दुकान पर भी काम किया। हांलाकि उन्हें डर रहता था कि उनका कोई दोस्त उन्हें ये काम करता हुआ ना देख ले। जब वह अपने किसी दोस्त को देख लेते तो दुकान छोड़कर कहीं छिप जाते थे। 

कोच ने बदली जिदंगी

साल 2013 में नेट्स प्रैक्टिस के दौरान यशस्वी की मुलाकात उनके मौजूदा कोच ज्वाला सिंह से हुई,जो अपनी खुद की क्रिकेट अकेडमी चलाते थे। यशस्वी के टैलेंट से ज्वाला काफी प्रभावित हुए औऱ उसको अपने साथ रखकर उसके खेल को और निखारने का फैसला किया। 

एक टीवी इंटरव्यू के दौरान ज्वाला ने बताया था कि वह भी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से क्रिकेटर बनने की चाहत लेकर मुंबई आए थे। लेकिन कोई गॉडफादर ना होने के कारण वो इसमें कामयाब नहीं हुए। उन्होंने यशस्वी के अंदर खुद को देखा और उसकी मदद करने का फैसला किया। 

यशस्वी भी अपनी पूरी सफलता का श्रेय ज्वाला सिंह को ही देते हैं।

अर्जुन तेंदुलकर के रूम पार्टनर रहे

यशस्वी पिछले साल श्रीलंका दौरे पर गई भारत की अंडर 19 क्रिकेट टीम का हिस्सा थे। भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन भी इस टीम का हिस्सा थे। मुंबई के लिए खेलने और इस सीरीज के दौरान वह अर्जुन के रूम पार्टनर भी रहे। यशस्वी के फेवरेट क्रिकेटर भी सचिन ही हैं। श्रीलंका दौरे पर जान से पहले सचिन ने यशस्वी के बल्ले पर ऑटोग्राफ देकर उसे शुभकामनाएं दी थी।  


सौरभ शर्मा

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