मशरफे मुर्तजा की जीवनी का लोकार्पण
ढाका, 21 जनवरी | बांग्लादेश की वनडे क्रिकेट टीम के कप्तान मशरफे बिन मुर्तजा अपनी जीवनी के लोकार्पण के मौके पर अपने करियर के उतार-चढ़ाव के बारे में बातें करते हुए काफी भावुक हो गए। एक रपट के मुताबिक खेल
ढाका, 21 जनवरी | बांग्लादेश की वनडे क्रिकेट टीम के कप्तान मशरफे बिन मुर्तजा अपनी जीवनी के लोकार्पण के मौके पर अपने करियर के उतार-चढ़ाव के बारे में बातें करते हुए काफी भावुक हो गए। एक रपट के मुताबिक खेल पत्रकार और लेखक देबब्रत मुखर्जी ने मशरफे की जीवनी लिखी है। इसका लोकार्पण मंगलवार को किया गया। बांग्लादेश क्रिकेट सपोर्टर्स एसोसिएशन ने इसका प्रकाशन किया है।
किताब का नाम 'मशरफे' है। इसमें तेज गेंदबाज के नारेल में बिताए गए बचपन का भी जिक्र है। राष्ट्रीय टीम में 2001 में शामिल हुए मशरफे अब तक 36 टेस्ट मैच, 160 वनडे और 35 टी-20 मैच खेल चुके हैं। किताब को पूरी बांग्लादेश क्रिकेट टीम की मौजूदगी में जारी किया गया। इस अवसर पर मशरफे पर उनकी टीम के साथियों ने सवालों की बौछार कर दी। क्रिकेटर इमरुल कैस के एक सवाल के जवाब में मशरफे ने कहा कि वह संन्यास लेने के बाद अपनी आत्मकथा लिखना चाहेंगे। चोटों के साथ अपने लगातार संघर्ष और टीम में वापसी को याद करते हुए मशरफे अचानक बेहद भावुक हो गए।
उन्होंने अपने कनिष्ठ साथियों तस्कीन अहमद, अबु हैदर रोनी और अन्य से उनके जीवन से सीख लेने की सलाह दी। इस मौके पर साथी खिलाड़ी महमूदुल्लाह ने 2009 की एक घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मशरफे ने कप्तान बनने के बाद सभी खिलाड़ियों को एक-एक लिफाफा दिया था। इनमें प्रेरणादायी संदेश थे और खिलाड़ियों से टीम की अपेक्षाओं का जिक्र था। महमूदुल्लाहने कहा कि उन्हें इससे सचमुच प्रेरणा मिली थी।
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उन्होंने इसके लिए मशरफे को धन्यवाद दिया। इस मौके पर बल्लेबाज तमीम इकबाल ने बताया कि 2015 के विश्व कप में अपनी सर्वत्र आलोचना से वे बेहद परेशान हो गए थे। ऐसे में मशरफे ने उनका साथ दिया था। बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कोच चंदिका हथुरुसिंघा ने मजाक में कहा कि मशरफे बांग्लादेश में इतने लोकप्रिय हैं कि वे चाहें तो राजनीति में शामिल हो सकते हैं।
एजेंसी