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'इस दिग्गज से मिली थी टीम का नेतृत्व करने की सीख', BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने अपने कप्तानी के दिनों को किया याद

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मौजूदा अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने अपनी कप्तानी के दिनों को याद करते हुए बताया कि 2003 में नेटवेस्ट ट्रॉफी फाइनल के दौरान उन्हें पूर्व सलामी बल्लेबाज...

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Cricket Image for Bcci President Saurabh Ganguly Learned Captaincy From Virendar Sehwag
Cricket Image for Bcci President Saurabh Ganguly Learned Captaincy From Virendar Sehwag (Sourav Ganguly (Image Source: Google))
IANS News
By IANS News
Apr 04, 2021 • 04:24 PM

पूर्व कप्तान ने कहा कि मैन मैनेजमेंट कप्तानी करने का महत्वपूर्ण काम है और एक अच्छा कप्तान वो है जो खिलाड़ियों की सोच के साथ खुद को ढ़ाले। गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने को अपने करियर का महत्वपूर्ण पार्ट करार दिया।

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April 04, 2021 • 04:24 PM

गांगुली ने कहा, "मैं 1992 सीरीज को असफल नहीं मानता हूं। मुझे वहां खेलने का ज्यादा अवसर नहीं मिला। लेकिन इससे मुझे अच्छा क्रिकेटर बनने में मदद मिली। मैंने अगले तीन-चार वर्ष ट्रेनिंग की और मानसिक तथा शारीरिक रूप से मजबूत बना।"

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इसके बाद उन्होंने 1996 में लॉर्डस में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया और अपने दोनों टेस्ट में शतक जड़ा। उन्होंने लॉडर्स में 131 और नॉटिंघम में 136 रन बनाए थे।

गांगुली ने कहा, "1996 में मैं मजबूत होकर वापस लौटा और स्कोर करने के तरीके सीखे तथा भारत के लिए 150 से ज्यादा मुकाबले खेले। लॉडर्स में मैंने बिना किसी दबाव के पदार्पण किया। 1992 से 1996 के दौरान मैं मजबूत बना और मेरा क्रिकेट तथा बल्लेबाजी का ज्ञान बढ़ा।"

उन्होंने कहा, "मैं हमेशा नर्वस रहता था। इससे सफलता में मदद मिलती है। असफलता जीवन का हिस्सा है। इससे बेहतर बनने में मदद मिलती है। सचिन तेंदुलकर भी नर्वस होते थे और दबाव कम करने के लिए हेडफोन्स का इस्तेमाल करते थे।"

गांगुली ने बताया कि किस तरह उनके ड्राइवर ने उन्हें फिटनेस को लेकर सलाह दी थी। उन्होंने कहा, "मैं पाकिस्तान के खिलाफ मैच में रन आउट हो गया और मेरे ड्राइवर ने कहा कि आपने अच्छे से ट्रेनिंग नहीं की थी जिसके कारण आप धीमे दौड़ रहे थे।"

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