एडिलेड में आखिरी दिन इंग्लैंड की 275 रन से हार और ऑस्ट्रेलिया एशेज में 2-0 से आगे। जोस बटलर ने मेहमान टीम को ड्रॉ का सपना दिखाया ताकि एशेज का रोमांच बना रहे पर ऐसा हुआ नहीं। अब मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट में हार से बचने पर एशेज ऑस्ट्रेलिया के पास। दूसरी तरफ इंग्लैंड को जीत की जरूरत ताकि एशेज वापस हासिल करने की उम्मीद बनी रहे। क्या ये संभव है कि इंग्लैंड अगले तीनों टेस्ट जीत ले? जो रुट को इस सवाल का जवाब पाने के लिए एशेज इतिहास के पेज पढ़ने होंगे- ख़ास तौर पर मेलबर्न के एक टेस्ट के 'बैटल ऑफ़ टेक्टिक्स' को।
टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ एक मिसाल है जब एक टीम 2-0 से पीछे होने के बावजूद सीरीज जीती और ये कमाल ऑस्ट्रेलिया ने, दूसरे शब्दों में, 1936/37 में ग्रेट सर डोनाल्ड ब्रैडमैन की टीम ने दिखाया था। उसके लिए जो रूट को खुद 'ब्रैडमैन' बनना होगा। ऐसा क्या किया था ब्रैडमैन ने? ये वो सीरीज है जिसमें ब्रैडमैन ने 90 की औसत से 810 रन बनाए थे और इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी आख़िरी तीन टेस्ट में बनाए रन की थी। सबसे पहले सीरीज :
- पहला टेस्ट, ब्रिस्बेन, इंग्लैंड 322 रन से जीता: ब्रैडमैन के स्कोर 38 और 0 थे। ये ऐसी जीत थी कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री जोसेफ लियोन ने भी इंग्लैंड को बधाई का टेलीग्राम भेजा था।
- दूसरा टेस्ट, सिडनी, इंग्लैंड एक पारी और 22 रन से जीता: वॉली हैमंड को 231* बनाते देखा ब्रैडमैन ने। उनके अपने स्कोर 0 और 82 रन। इंग्लैंड सीरीज में 2-0 से आगे और एशेज जीतने के करीब।
- तीसरा टेस्ट, मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया 365 रन से जीता: दोनों टीम ने अपनी पहली पारी 9 विकेट गिरने पर समाप्त घोषित की- ऑस्ट्रेलिया ने 200 और इंग्लैंड ने 76 रन पर। दूसरी पारी में ब्रैडमैन ने नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हुए 270 और फिंगलटन ने 136 रन बनाए- ऑस्ट्रेलिया 564 रन और स्पिनर चक फ्लीटवुड-स्मिथ के 5-124 ने बाकी का काम कर दिया।
- चौथा टेस्ट, एडिलेड, ऑस्ट्रेलिया 148 रन से जीता: ब्रैडमैन की डबल सेंचुरी (212) और इंग्लैंड की हार।
- पांचवां टेस्ट, मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया एक पारी और 200 रन से जीता: ब्रैडमैन इस बार सिर्फ 169 रन पर आउट। बिल ओ'रेली ने टेस्ट में 8 विकेट लिए।
इस आश्चर्यजनक वापसी की दास्तान यहीं ख़त्म नहीं होती। वापसी का किसा मेलबर्न में शुरू हुआ और वहां जो हुआ उस पर माइक ब्रेयरली ने अपनी किताब ' द आर्ट ऑफ़ केप्टेन्सी' में लिखा कि कि हर कप्तान को, उस टेस्ट की दास्तान जरूर पढ़नी चाहिए- वह टेस्ट एक ट्रेनिंग था। इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार डोनाल्ड ब्रैडमैन थे। सीरीज के पहले दोनों टेस्ट में हार किस कप्तान को बौखलाएगी नहीं- वही हाल ब्रैडमैन का था।