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वर्ल्ड कप इतिहास में चेतन शर्मा की वह तीन स्वर्णिम गेंद

1987 का वर्ल्ड कप कई चीजों के लिए याद किया जाता है। 1987 के पहले वर्ल्ड में पहली बार ऐसा हुआ था जब इंग्लैंड के अलावा कोई दूसरा देश वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा था

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Chetan Sharma Beacame First Bowler to take a World
Chetan Sharma Beacame First Bowler to take a World ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Feb 01, 2015 • 03:35 AM

1987 का वर्ल्ड कप कई चीजों के लिए याद किया जाता है।  1987 के पहले वर्ल्ड में पहली बार ऐसा हुआ था जब इंग्लैंड के अलावा कोई दूसरा देश वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहा था और पहली बार दो देश (भारत-पाकिस्तान) मिलकर इसकी मेजबानी कर रहे थे। पिछले तीनों वर्ल्ड कप में फाइनल खेलने वाला वेस्टइंडीज की टीम सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाई थी। सुनील गावस्कर ने अपने वन डे करियर की पहली औऱ एकमात्र सेंचुरी मारी थी। वर्ल्ड कप की मेजबानी कर रहे दोनों ही देश भारत और पाकिस्तान फाइनल में नहीं पहुंच पाए थे और ऑस्ट्रेलिया की टीम द्वारा बेहतरीन प्रदर्शन। लेकिन सबसे यादगार चीज इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच लीग मैच में हुई जिसके लिए यह वर्ल्ड कप सबसे ज्यादा याद किया जाता है। इस मैच में भारतीय तेज गेंदबाज चेतन शर्मा ने वर्ल्ड कप क्रिकेट में पहली हैट्रिक ली थी और पिछले 31 सालों से यह रिकॉर्ड उन्हीं के नाम पर है। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
February 01, 2015 • 03:35 AM

31 अक्टूबर 1987 को नागपुर के विदर्भ क्रिकेट मैदान में ग्रुप ए की टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच हुए मुकाबले में चेतन शर्मा वर्ल्ड कप के इतिहास हैट्रिक लेने वाले पहले खिलाड़ी बन गए थे। चेतन शर्मा ने अपने छठे ओवर की आखिरी तीन गेंदों में केन रदरफोर्ड, इयान स्मिथ और इवेन चैटफिल्ड का विकेट लेकर इतिहास रच दिया था। 

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न्यूजीलैंड की टीम 40 ओवरों में 5 विकेट के नुकसान पर 182 रन बनाकर अच्छी स्थिति में थी तब भारत के कप्तान कपिल देव ने 41वें ओवर में चेतन शर्मा को उनका छठा ओवर फेंकने के लिए बुलाया था। केन रदरफोर्ड 26 रन बनाकर क्रीज पर जम चुके थे और उनके साथ मार्टिन स्नेडन मैदान पर थे। रदरफोर्ड चेतन शर्मा के ओवर की पहली तीन गेंद सावधानी से खेल गए लेकिन वह शर्मा की ऑफ कटर समझने में नाकाम रहे और गेंद सीधा जाकर मिडल स्टंप पर लगी। इसके बाद इयान स्मिथ बल्लेबाज करने पर क्रीज पर आए और चेतन ने उन्हें कुछ सोचने समझने का मौका नहीं दिया और उनकी ऑफ स्टंप उड़ा दी। दो गेदों में दो विकेट गिरने के बाद मैदान में भीड़ पागल हो गई थी और दर्शकों का उत्साह चरम पर था। इसके बाद क्रीज पर आए इवने चैटफिल्ड को गेंद फेंकने से पहले कप्तान कपिल देव ने चेतन शर्मा से बात करी और उसके बाद पर ऐतिहासिक गेंद फेंकने के लिए दौड़ पड़े और उनकी फुलर डिलवरी चैटफिल्ड का लैग स्टंप ले उड़ी। चेतन शर्मा के बेहतरीन प्रदर्शन के चलते भारत न्यूजीलैंड की टीम  221 रन पर रोकने में सफल रहा। गावसकर के नाबाद 103 रन और श्रीकांत की 75 रन  की पारी की बदौलत इंडिया ने 17.5 ओवर बाकी रहते हुए 9 विकेट से मैच जीत लिया था। इस हैट्रिक की सबसे खास बात यह थी कि चेतन शर्मा तीनों बार गेंद विकेट पर मारनें में सफल रहे थे। तीन स्वर्णिम गेंद फेंककर चेतन शर्मा ने इतिहास रच दिया था और आज भी उन्हें उनके इस रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। 

इंडिया के  पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा ने अपने इस रिकॉर्ड को याद करते हुए एक इंटरव्यू के दौरान इस रिकॉर्ड के बनने का श्रेय उस समय के कप्तान कपिल देव और सुनील गावसकर को दिया था। 


“इस मैच के बाद चेतन शर्मा ने कहा था कि  वो कपिल पा और सनी भाई ही थे जिन्होंने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया था। दो विकेट गिरने के बाद वह दोनों मेरे पास आए थे और उन्होंन कहा था कि तुम हैट्रिक के बारे में मत सोचो और सिर्फ सीधी गेंद फेंको। उन्होंने कहा तुम सब कुछ भूल जाओ औऱ सिर्फ अपने ऊपर ध्यान दो और मैंने वैसा ही किया जैसा उन दोनों ने कहा था।“


सौरभ शर्मा/CRICKETNMORE

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