माधव आप्टे के निधन पर क्रिकेट जगत में शोक, दे रहें हैं श्रद्धांजलि !
23 सितंबर। भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज माधव आप्टे के निधन पर पूरे क्रिकेट जगत में शोक की लहर है। माधव का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। पांच अक्टूबर को वह 87 साल के होने वाले
23 सितंबर। भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज माधव आप्टे के निधन पर पूरे क्रिकेट जगत में शोक की लहर है। माधव का 86 साल की उम्र में निधन हो गया। पांच अक्टूबर को वह 87 साल के होने वाले थे। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रविवार की सुबह अपनी अंतिम सांस ली।
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट करते हुए माधव को श्रद्धांजलि अर्पित की। सचिन ने लिखा, "माधव आप्टे सर के साथ मेरी कुछ शानदार यादें हैं। मैं जब 14 साल का था तब शिवाजी पार्क में उनके साथ खेला था। मुझे वो समय भी याद है जब उन्होंने और डुंगरपुर सर ने मुझे 15 साल की उम्र में सीसीआई के लिए खेलने दिया था। उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।"
Trending
मोहम्मद कैफ ने आप्टे को महान कथावाचक बताया और ट्वीट किया, "माधव आप्टे जी के निधन की खबर सुनकर दुख पहुंचा। वह महान कथावाचक थे और 71 साल की उम्र तक क्रिकेट खेले थे। उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं।"
घरेलू क्रिकेट के महान बल्लेबाज वसीम जाफर ने लिखा, "ज्यादा मौके न मिलने के बाद भी उनका औसत 50 का था। वह 71 साल की उम्र तक क्रिकेट खेलते रहे। मुंबई और भारत का एक महान खिलाड़ी आज गुजर गया। आपकी बहुत याद आएगी माधव सर।"
विनोद कांबली ने ट्वीट किया, "माधव आप्टे सर के निधन की खबर सुनने के बाद मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं उन्हें बचपन से जानता हूं और हमेशा उनसे सलाह ली है। उन्होंने मुझे हमेशा प्रेरित किया और आगे धकेला। मुझे और मेरे पिता दोनों को उनके साथ खेलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। भगवान आपकी आत्मा को शांति दे।"
महाराष्ट्र क्रिकेट संघ (एमसीए) ने ट्वीट किया, "माधव आप्ते का सुबह निधन हो गया। मुंबई क्रिकेट संघ उनके परिवार को अपनी संवेदनाएं देता है।"
उन्होंने 1952-53 के बीच भारत के लिए सात टेस्ट मैच खेले और 542 रन बनाए जिसमें एक शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान उनका औसत 49.27 था। माधव ने 67 प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच भी खेले जिनमें उनके नाम छह शतकों और 16 अर्धशतकों की मदद से 3,336 रन दर्ज हैं।
मुंबई में जन्मे आप्टे ने विनू मांकड की कोचिंग में लेग स्पिनर के तौर पर करियर की शुरुआत की थी। द ओवल में उनके प्रदर्शन ने डॉन ब्रेडमैन को आखिरी पारी में 100 का औसत हासिल करने से रोक दिया था। 1989 में वह क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष चुने गए थे। साथ ही वह लिजेंड्स क्लब के मुखिया भी रहे।