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रणजी ट्रॉफी के अगले सीजन में DRS के इस्तेमाल पर चर्चा,इस नए तरीके से हो सकता है टॉस

मुंबई, 18 मई (CRICKETNMORE)| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा यहां आयोजित कराए गए रणजी कॉनक्लेव में घरेलू टीमों के कप्तानों और प्रशिक्षकों ने रणजी ट्रॉफी में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) लागू करने और...

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma May 18, 2019 • 00:22 AM
DRS Ranji Trophy
DRS Ranji Trophy (Google Search)
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मुंबई, 18 मई (CRICKETNMORE)| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा यहां आयोजित कराए गए रणजी कॉनक्लेव में घरेलू टीमों के कप्तानों और प्रशिक्षकों ने रणजी ट्रॉफी में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) लागू करने और टॉस में सिक्के के इस्तेमाल को खत्म करने के सुझाव दिए हैं।

बीते साल रणजी ट्रॉफी में खराब अंपायरिंग को लेकर कई मामले उठे थे। ऐसी उम्मीद की जा रही थी कॉनक्लेव में अंपायरिंग को लेकर बात की जाएगी। 

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डीआरएस अभी तक सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ही लागू किया जाता है, लेकिन बीते सीजन मैचों की संख्या बढ़ने के कारण कप्तान और प्रशिक्षकों ने मौजूदा तकनीक के साथ इसे घरेलू सत्र में लागू करने का सुझाव दिया है। 

बीते सीजन रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में कर्नाटक के खिलाफ सौराष्ट्र के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को तब नॉट आउट दिया गया था जब गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर कैच कर ली गई थी। इस मैच में पुजारा ने शतक जमाया था और इससे मैच का परिणाम बदल गया था। 

इसके अलावा टॉस को समाप्त कर मेजबान टीम को बल्लेबाजी/गेंदबाजी चुनने की आजादी देने का प्रस्ताव भी रखा गया। 


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