Advertisement
Advertisement
Advertisement

यहां से हुई थी ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत की शुरूआत

8 नवंबर 1987 को कोलाकाता के एतेहासिक ईडन गार्डन में चिर-प्रतिद्वंदी ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड आमनें सामनें थे।

Advertisement
Final Australia v England at Kolkata in the 1987 W
Final Australia v England at Kolkata in the 1987 W ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Nov 30, -0001 • 12:00 AM

8 नवंबर 1987 को कोलाकाता के एतेहासिक ईडन गार्डन में चिर-प्रतिद्वंदी ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड आमनें सामनें थे। दोनों उस समय की बेहतरीन टीमों में से एक थी लेकिन वर्ल्ड चैंपियन बनने का सौभाग्य किसी को प्राप्त नहीं हुआ था। इंग्लैंड द्वारा तीन बार वर्ल्ड कप के सफल आयोजन के बाद 1987 के वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत और पाकिस्तान को मिली थी। मौजूदा चैंपियन भारत ने शानदार खेल दिखाया था लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के हाथों हारकर भारत बाहर हो गया था । भारत की धरती पर हुए फाइनल मैच में भारतीय टीम नहीं खेल रही थी इसलिए भारतीय क्रिकेट फैंस इस फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया का साथ दे रहे थे। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
November 30, -0001 • 12:00 AM

दोनों कप्तान टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर उतरे और बाजी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलन बॉर्डर ने मारी। बॉर्डर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और पारी की शुरूआत करने ज्योफ मार्श और डेविड बून की जोड़ी मैदान पर उतरी। दोनों ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया को शानदार शुरूआत दी और पहले विकेट के लिए 75 रन की साझेदारी करी। ज्योफ मार्श (24 रन) के रूप ऑस्ट्रेलिया को पहला झटका लगा। इसके बाद क्रीज पर आए डीन जोंस ने बून का साथ निभाया और दूसरे विकेट के लिए 76 रन की साझेदारी करी। ऑस्ट्रेलिया के लिए डीन जोंस 33, कप्तान एलन बॉर्डर 31 रन ने छोटी-छोटी पारियां खेली और एक छोर से थोड़े-थोड़े अंतराल पर विकेट गिरते रहे। डेविड बून ने एक छोर से शानदार बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक जड़ा और 75 रन की पारी खेली। अंत में माइक वेलेटा ने 31 गेंदों में 45 रन की तेज पारी खेलकर ऑस्ट्रेलिया के स्कोर को 253 रन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। 

Trending

अब इंग्लैंड को वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए 254 रनों की जरूरत थी। लेकिन इंग्लैंड की शुरूआत खराब रही और केवल 1 रन के कुल स्कोर पर ही इंग्लैंड अपना पहला विकेट गंवा बैठा। ग्राहम गूच के साथ बल्लेबाजी करने आए टिम रॉबिनसन बिना खाता खोले हुए ही वापस पवेलियन लौट गए थे। इसके बाद गूच और बिल अथेय की जोड़ी ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 65 रन की साझेदारी करी। साइमन ओ'डोनेल ने ग्राहम गूच को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा था। इसके बाद माइक गैटिंग मैदान पर आए और अथेय के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 69 रन की साझेदारी करी। जब इंग्लैंड तेजी से लक्ष्य की ओर बड़ रही थी तभी अच्छी बल्लेबाजी कर रहे गैटिंग  को कप्तान एलन बॉर्डर ने अपना शिकार बनाया। 

गैटिंग ने आउट होने से पहले 41रन की पारी खेली। इसके बाद एलन लैंब पर क्रीज पर आए और अथेय के साथ मिलकर इंग्लैंड के स्कोर को आगे बढ़ाया लेकिन जब इंग्लैंड का स्कोर 170 रन था तभी अथेय दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए। अथेय के आउट होने के बाद इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया। लेकिन एक छोर से शानदार बल्लेबाजी कर रहे एलन लैंब टीम को जीत की ओर ले जा रहे थे। लेकिन तभी कप्तान एलन बॉर्डर ने शानदार रणनीति का नमूना पेश करते हुए युवा गेंदबाज स्टीव वॉ को गेंदबाजी करने के लिए मैदान पर बुलाया था । बॉर्डर की यह चाल काम आई थी और स्टीव वॉ ने 45 रन पर बल्लेबाजी कर रहे एलन लैंब को आउट कर इंग्लैंड के वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना लगभग तोड़ दिया था लैंब के आउट होने के बाद कोई बल्लेबाज खास कमाल नहीं दिखा पाया और इंग्लैंड 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 246 रन ही बना पाई। इंग्लैंड महज 7 रन के अंतर से वर्ल्ड  चैंपियन बनने से चूक गई थी और ऑस्ट्रेलिया पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी थी।

75 रन की शानदार पारी खेलने के लिए डेविड बून को मैन ऑफ द मैच चुना गया था। 

(सौरभ शर्मा/CRICKETNMORE)   

Advertisement

TAGS
Advertisement