'उन्होंने शिखर धवन को कैप्टन बनाया', सेलेक्टर्स की सोच पर भड़क उठे दिलीप वेंगसरकर
भारत के पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर ने सेलेक्टर्स को आड़े हाथों लेते हुए उनकी क्लास लगाई है। वेंगसरकर का कहना है कि उन्होंने किसी भी युवा खिलाड़ी को कप्तान के रूप में ग्रूम नहीं किया है।
पिछले 10 सालों से भारतीय टीम कोई भी आईसीसी खिताब नहीं जीत पाई है और हाल ही में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में हार के बाद तो टीम इंडिया की आलोचना और भी ज्यादा तेज़ हो गई है। WTC फाइनल में हार के बाद, कई पूर्व क्रिकेटर कुछ फैसलों को लेकर टीम और प्रबंधन को फटकार लगा रहे हैं। इस लिस्ट में अब पूर्व क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर का नाम भी जुड़ गया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की चयन समिति पर सवाल उठाते हुए भारत के पूर्व खिलाड़ी दिलीप वेंगसरकर ने तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा है कि चयनकर्ताओं के पास भविष्य को लेकर कोई दूरदृष्टि नहीं थी और ना ही उन्हें पता था कि वो क्या कर रहे थे। वेंगसरकर ने 2021 में श्रीलंका के दौरे पर एक समानांतर सीरीज के लिए भारतीय टीम के कप्तान के रूप में शिखर धवन की नियुक्ति का उदाहरण दिया और चयनकर्ताओं पर सवाल दागे।
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वेंगसरकर ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत के दौरान कहा, "दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सा ये है कि पिछले छह-सात वर्षों में मैंने जिन चयनकर्ताओं को देखा है, उनके पास ना तो दृष्टि है, ना ही खेल या क्रिकेट की समझ के बारे में गहरी जानकारी है। उन्होंने शिखर धवन को उस समय भारत का कप्तान बनाया, जब दो दौरे ओवरलैप हुए और मुख्य खिलाड़ी अनुपलब्ध थे)। ये वो मौका था जब आप भविष्य के कप्तान को तैयार कर सकते थे।"
वेंगसरकर ने बीसीसीआई पर भी कटाक्ष किया और ये सुझाव भी दिया कि भारतीय क्रिकेट के उज्जवल भविष्य के लिए सिर्फ इंडियन प्रीमियर लीग का होना ही काफी नहीं है। उन्होंने कहा, "आपने किसी को तैयार नहीं किया है। आप बस आते ही खेलते हैं। आप दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड की बात करते हैं, बेंच स्ट्रेंथ कहां है? सिर्फ आईपीएल होना, मीडिया राइट्स में करोड़ों रुपये कमाना, ये एकमात्र चीज़ नहीं होनी चाहिए।"