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दिल्ली कैपिटल्स का मालिक बनने के गौतम गंभीर के सपने पर फिरा पानी, इस कारण अभी करना होगा इंतजार !

9 जनवरी। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम दिल्ली कैपिटल्स के मालिक बनने के सपने को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि उनके इस सपने को अभी हकीकत में अंजाम नहीं दिया

Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat January 09, 2020 • 15:17 PM
दिल्ली कैपिटल्स का मालिक बनने के गौतम गंभीर के सपने पर फिरा पानी, इस कारण अभी करना होगा इंतजार ! Ima
दिल्ली कैपिटल्स का मालिक बनने के गौतम गंभीर के सपने पर फिरा पानी, इस कारण अभी करना होगा इंतजार ! Ima (twitter)
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9 जनवरी। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम दिल्ली कैपिटल्स के मालिक बनने के सपने को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है क्योंकि उनके इस सपने को अभी हकीकत में अंजाम नहीं दिया जा सकता। ऐसी खबरें थी दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी कर चुके गंभीर फ्रेंचाइजी में 10 फीसदी की हिस्सेदारी ले सकते हैं।

जीएमआर और जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स संयुक्त रूप से फ्रेंचाइजी के मालिक हैं।

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दिल्ली कैपिटल्स के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि इस बात पर चर्चा जारी है लेकिन यह करार अभी होता नहीं दिख रहा है।

अधिकारी ने कहा, "यह अभी नहीं हो रहा। उनके बोर्ड में आने की चर्चा थी और अगर ईमानदारी से कहूं तो अभी भी चर्चाएं हैं, लेकिन यह इस सीजन 99.9 प्रतिशत नहीं हो रहा है। अगर यह बाद में होता है तो यह अलग कहानी होगी, लेकिन यह 2020 सीजन से पहले होता नहीं दिख रहा।"

वहीं ऐसी भी खबरें थीं कि अगर गंभीर फ्रेंचाइजी में सह-मालिक के तौर पर नहीं आते हैं तो वह मेंटॉर के तौर पर फ्रेंचाइजी के साथ जुड़ सकते हैं क्योंकि यह स्थान सौरभ गांगुली के जाने के बाद से खाली है, लेकिन अधिकारी ने कहा कि अभी ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। गांगुली इस समय बीसीसीआई अध्यक्ष हैं और इसी कारण उन्होंने यह पद छोड़ दिया था।

अधिकारी ने कहा, "इस सवाल पर भी ना है। हम फिलहाल इस मुद्दे पर विचार नहीं कर रहे हैं। कोच रिकी पोंटिंग और बाकी के सपोर्ट स्टाफ के तौर पर हमारे पास मजबूत इकाई है। साथ ही हम नहीं जानते कि गंभीर बोर्ड में आ सकते हैं या नहीं क्योंकि वह सांसद भी हैं।"

वहीं बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस से साफ कहा कि अगर गंभीर आईपीएल टीम के मेंटॉर बनते हैं तो कागजों पर हितों के टकराव का मुद्दा नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा, "तकनीकी रूप से कागजों पर हितों के टकराव का मुद्दा नहीं होगा, लेकिन आप जानते हैं कि आजकल किस तरह से चीजें हो रही हैं। कुछ लोग ऐसे हैं जो तवज्जो पाने के लिए लोकपाल को मेल करने की ताक में रहते हैं। लेकिन जैसा मैंने कहा, गंभीर अगर मेंटॉर बनते हैं तो कागजों पर हितों के टकराव का मुद्दा नहीं होगा।"


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