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ऐतिहासिक डे नाइट टेस्ट मैच का हिस्सा नहीं रह पाने पर धवन का दिल रोया, लेकिन कही दिल जीतने वाली बात

नई दिल्ली, 13 नवंबर | टी-20 क्रिकेट में शुरुआत के छह ओवर काफी अहम होते हैं क्योंकि दोनों टीमें यहां अच्छी शुरुआत पर नजरें जमाए बैठी रहती हैं। आस्ट्रेलिया में अगले साल टी-20 विश्व कप होना है और ऐसे मे

Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat November 13, 2019 • 19:19 PM
ऐतिहासिक डे नाइट टेस्ट मैच का हिस्सा नहीं रह पाने पर धवन का दिल रोया, लेकिन कही दिल जीतने वाली बात I
ऐतिहासिक डे नाइट टेस्ट मैच का हिस्सा नहीं रह पाने पर धवन का दिल रोया, लेकिन कही दिल जीतने वाली बात I (twitter)
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नई दिल्ली, 13 नवंबर | टी-20 क्रिकेट में शुरुआत के छह ओवर काफी अहम होते हैं क्योंकि दोनों टीमें यहां अच्छी शुरुआत पर नजरें जमाए बैठी रहती हैं। आस्ट्रेलिया में अगले साल टी-20 विश्व कप होना है और ऐसे मे भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन की सोच साफ है कि पारी की शुरुआत करते हुए उन्हें शुरू से आक्रामक खेल खेलना होगा।

धवन ने आईएएनएस से खास मुलाकात में कहा कि विश्व कप के लिए उनकी कोई खास रणनीति नहीं हैं क्योंकि वह चीजों को सरल रखना चाहते हैं। धवन ने साथ ही कहा कि वह शुरुआत से तेज खेलने की कोशिश करेंगे न कि विकेट पर पैर जमाने में वक्त गंवाएंगे क्योंकि यह खेल का सबसे छोटा और तेज प्रारूप है।

धवन ने कहा, "एक सलामी बल्लेबाज के तौर पर रणनीति यह होगी कि शुरुआती छह ओवरों में आक्रामक खेल खेला जाए। मैं तेज खेलना पसंद करता हूं लेकिन अगर विकेट धीमी होती है या गेंद रुक कर आती है तो जाहिर सी बात है कि रणनीति में बदलाव करना पड़ता है। अगर हम शुरू के छह ओवरों में 50-55 रन बनाने में सफल रह पाते हैं तो फिर मोमेंटम हमारी तरफ होता है। मेरा काम टीम को अच्छी शुरुआत देना और बड़ा स्कोर करना होगा। स्मार्ट और आक्रामक खेल टी-20 में मेरा मंत्र है।"

बल्लेबाज से जब पूछा गया कि क्या रोहित शर्मा और उनकी जोड़ी की रणनीति एक का धीमे खेलना और एक का आक्रमण करने की होती है तो धवन ने इससे मना किया।

उन्होंने कहा, "हम स्थिति के हिसाब से खेलते हैं। किसी दिन अगर रोहित अटैक करता है और मेरे बल्ले पर गेंद सही तरह से आ नहीं रही होती है तो बात अलग है। नहीं तो मैं इस बात में विश्वास नहीं रखता कि सिर्फ एक बल्लेबाज को आक्रमण करना चाहिए। अगर आपका खेल आक्रामक है तो आपको वही खेलना चाहिए। साथ ही जब आप दोनों तरफ से आक्रमण करते हैं तो सामने वाली टीम पर दबाव पड़ता है।"

भारतीय क्रिकेट में हालिया दौर में युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत चर्चा के केंद्र रहे हैं। धवन को लगता है कि पंत के लिए जरूरी है कि वह बाहर की दुनिया से दूर रहें और अपने खेल पर ध्यान दें।

उन्होंने कहा, "मैं उनसे कहता रहता हूं कि मीडिया में जो कहा जा रहा है और लिखा जा रहा है उस पर ध्यान मत दो। बात यह है कि आप जो पढ़ते हो और देखते हो, उसका असर आपके दिमाग पर होता है। मैं अखबार नहीं पड़ता। मैंने अपने आप को इस तरह से तैयार किया है क्योंकि अगर मैंने अच्छा किया तो अच्छी चीजें लिखी जाएंगी और नहीं किया तो अच्छा नहीं लिखा जाएगा। यह सफर है। जब मैंने अपना करियर शुरू किया था तो मैंने भी यही सब देखा था लेकिन आप इसी तरह सीखते हैं।"

भारत को हमेशा एक मजबूत बल्लेबाजी क्रम वाली टीम के तौर पर देखा जाता था लेकिन हालिया दौर में टीम के पास बेहतरीन गेंदबाज रहे हैं। धवन को भी लगता है कि विदेशी जमीन पर भारत की जीत का अहम कारण गेंदबाजी भी रही है।

उन्होंने कहा, "यह हमारे लिए बेहद गर्व की बात है कि हमारे पास ऐसे गेंदबाजों की टीम है जो किसी भी बल्लेबाजी क्रम को बैकफुट पर डाल सकती है। मुझे लगता है कि हमारी लगातार जीत का एक अहम कारण हमारा गेंदबाजी आक्रमण है।"

सीमित ओवरों में धवन बेशक टीम का अहम हिस्सा हैं लेकिन टेस्ट में खराब फॉर्म के कारण उन्हें टीम से बाहर जाना पड़ा है, लेकिन धवन खेल के लंबे प्रारूप में वापसी के लिए बेकरार हैं।

उन्होंने कहा, "जाहिर सी बात है कि मैं वापसी करना चाहता हूं। मैं हमेशा टेस्ट क्रिकेट के लिए तैयार रहता हूं और जब मुझे मौका (घरेलू क्रिकेट में खेलने) मिलता है तो मैं खेलता हूं। मैं जब फ्री रहूंगा तो मैं रणजी ट्रॉफी खेलूंगा। मैं घर पर नहीं बैठूंगा। जब मैं तीनों प्रारूपों में से कोई भी नहीं खेलता हूं तो मैं घरेलू क्रिकेट खेलता हूं।"

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