'मेरे मन से एबी डी विलियर्स के लिए सारी इज्जत चली गई, बचपन के हीरो ने मुझे टीम से बाहर निकाला'
साउथ अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज साउथ अफ्रीका पर लगातार नस्लभेदी और रंगभेदी टिप्पणी लग रहे हैं। साउथ अफ्रीका के सिलेक्टर हुसैन मनैक के बाद अब टीम के बल्लेबाज खाया जोंडो ने कहा है कि साल 2015 में भारत के खिलाफ
साउथ अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज साउथ अफ्रीका पर लगातार नस्लभेदी और रंगभेदी टिप्पणी लग रहे हैं।
साउथ अफ्रीका के सिलेक्टर हुसैन मनैक के बाद अब टीम के बल्लेबाज खाया जोंडो ने कहा है कि साल 2015 में भारत के खिलाफ सीरीज के दौरान तब अफ्रीका टीम के कप्तान रहे एबी डी विलियर्स ने इस बल्लेबाज को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
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तब जोन्डो की जगह डीन एल्गर को टीम में शामिल किया गया था और तब कई ब्लैक प्लेयर्स ने साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड को लेटर लिखकर इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए कहा था। हालांकि उसके बाद उनकी एंट्री नेशनल टीम में तो हो गई लेकिन कभी उन्हें प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका नहीं मिला।
जोंडो भारत के उस दौरे पर टीम के साथ थे और उन्हें मुंबई में हुए फाइनल मुकाबले में डीन एल्गर की वजह से अपना स्थान खोना पड़ा। दोनों टीमों के लिए यह सीरीज 2-2 पर खत्म हुई।
अब जोन्डो का एक बयान जारी हुआ है जहां उन्होंने कहा," कप्तान एबी डी विलियर्स ने मुझे सभी टीम वालों से अलग अकेले में बुलाया और कहा कि मुझे नहीं खेलना चाहिए। वो खुद समझाने की कोशिश कर रहे थे और उन्होंने उस फैसले की जिम्मेदारी खुद ली।"
जोंडो ने आगे बात करते हुए कहा कि उनके मन में फिर डी विलियर्स के लिए सारी इज्जत चली गई। वो डी विलियर्स को अपने बचपन का हीरो मानते थे। जोन्डो ने कहा कि मुझे बाद में यह एहसास हो गया कि टीम को मेरी जरूरत नहीं थी और मैंने यह बात स्वीकार कर ली।