Advertisement

द्रविड़ को हटाकर सचिन को कप्तान बनवाने के बारे में कभी नहीं सोचा : ग्रैग चैपल

नई दिल्ली, 04 नवम्बर (हि.स.) । भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर द्वारा अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' में अपने ऊपर लगाये गये आरोपों का जवाब देते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने ने कहा

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma February 06, 2015 • 17:26 PM
Sachin and Rahul Dravid
Sachin and Rahul Dravid ()
Advertisement

नई दिल्ली, 04 नवम्बर (हि.स.) । भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर द्वारा अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' में अपने ऊपर लगाये गये आरोपों का जवाब देते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने ने कहा है कि उन्होंने राहुल द्रविड़ को कप्तानी से हटाकर सचिन को कप्तान बनवाने के बारे में कभी नहीं सोचा।

क्रिकेट से जुड़ी एक वेबसाइट से बातचीत में ग्रेग चैपल ने कहा, "मैं वाकयुद्ध शुरू नहीं करना चाहता, लेकिन इतना साफ कहना चाहूंगा कि भारतीय कोच के रूप में मेरे कार्यकाल के दौरान मैंने कभी राहुल द्रविड़ के स्थान पर सचिन को लाने के बारे में नहीं सोचा था। इसीलिए मुझे किताब में किए गए दावों को पढ़कर बहुत हैरानी हुई।"

Trending


चैपल ने कहा, "उन सालों में मैं सिर्फ एक बार सचिन तेंदुलकर के घर पर गया था, और वह भी हमारे फिज़ियो तथा एसिस्टेंट कोच के साथ, जब सचिन अपनी चोट से उबर रहे थे, और यह उस वक्त से कम से कम 12 महीने पहले का वक्त था, जिसके बारे में किताब में दावा किया गया है।हमारी दोपहर काफी अच्छी गुज़री थी, लेकिन कप्तानी को लेकर कतई कोई ज़िक्र नहीं हुआ था।"

गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर ने शीघ्र प्रकाशित होने जा रही अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' में पूर्व कोच ग्रेग चैपल की तीखी आलोचना करते हुए उन्हें ऐसा 'रिंगमास्टर' बताया है, जो अपने आइडिया दूसरों पर थोपा करता था। सचिन तेंदुलकर ने आत्मकथा में कई सनसनीखेज़ खुलासे भी किए हैं, जिनमें से एक है कि ग्रेग चैपल वर्ष 2007 के क्रिकेट वर्ल्डकप से पहले राहुल द्रविड़ को हटाकर उन्हें कप्तान बनाना चाहते थे।

सचिन तेंदुलकर ने लिखा कि ग्रेग चैपल एक बार उनके घर आए थे, और बातों ही बातों में उन्होंने कहा, "हम लोग साथ मिलकर भारतीय क्रिकेट पर वर्षों राज करते रह सकते हैं। मुझे राहुल द्रविड़ से कप्तानी की बागडोर लेने में मदद करो। मैं हैरान रह गया... मेरे साथ ही बैठी (मेरी पत्नी) अंजलि भी बेहद हैरान थी।" देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न से नवाज़े गए सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा के अनुसार, "मैं सकते में था, वर्ल्डकप शुरू होने में कुछ ही महीने बचे थे। कोच के मन में कप्तान के प्रति कोई सम्मान नहीं था।"

हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/गोविन्द


Cricket Scorecard

Advertisement
TAGS