ICC ने डकवर्थ लुइस स्टर्न में किए कई बदलाव,इस सीरीज से होंगे नए नियम लागू
दुबई, 29 सितम्बर (CRICKETNMORE)| इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने शनिवार को डकवर्थ लुइस स्टर्न (डीएलएस) सिस्टम का नवीनतम प्रारूप (वर्जन) जारी किया। इसके साथ ही आईसीसी ने अपनी आचार संहिता और खेलने की स्थिति का आंकलन करने वाली प्रणाली में
दुबई, 29 सितम्बर (CRICKETNMORE)| इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने शनिवार को डकवर्थ लुइस स्टर्न (डीएलएस) सिस्टम का नवीनतम प्रारूप (वर्जन) जारी किया। इसके साथ ही आईसीसी ने अपनी आचार संहिता और खेलने की स्थिति का आंकलन करने वाली प्रणाली में भी सुधार किए हैं। आईसीसी के बयान के अनुसार, यह बदलाव रविवार (30 सितंबर) को दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे के बीच होने वाले मैच से लागू होंगे।
यह 2014 में पहली बार आए डीएलएस का तीसरा वर्जन है, जिसको दूसरी बार नया रूप दिया गया है। इससे पहले डीएलएस को डीएल के नाम से जाना जाता था।
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इसका मतलब है कि यह मौजूदा विश्लेषण 700 वनडे इंटरनेशनल मैचों, 428 टी-20 इंटरनेशनल मैचों की जानकारी पर आधारित होगा।
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मौजूदा विश्लेषण का मतलब है कि टीम को लंबे समय के लिए अपनी रन बनाने की गति को तेज करना होगा। सात ही वनडे में औसत को भी बढ़ाना होगा। इसका मतलब है कि बल्लेबाजी टीम को पारी के अंतिम ओवरों में अपने रन बनाने की गति को तेज करना होगा।
इस नए प्रारूप को लाने से पहले वनडे (अंत के 20 ओवर) और टी-20 में रन बनाने के पैर्टन पर ध्यान में रखा गया है। इसमें पुरुष और महिला क्रिकेट के अलग-अलग स्कोरिंग पैटर्न पर भी ध्यान दिया गया है।
शोध से इस बात का पता चला है दोनों हालात (पुरुष और महिला क्रिकेट) में स्कोरिंग रेट अलग रही है जबकि विकेटों को स्थिति लगभग एक समान है इसलिए इस बात पर फैसला किया गया कि डीएलएस का एक ही प्रारुप दोनों जगह लागू किया जाएगा।
इसके अलावा आईसीसी ने अपनी आचार संहिता में कुछ नए अपराधों को जगह दी है। इस सूची को दो जुलाई को डबलिन में हुई आईसीसी की वार्षिक बैठक में मंजूरी मिल गई थी।
लेवल-3 के अधिकतम उल्लंघन पर लगाए जाने वाले आठ प्रतिबंधित अंकों को बढ़ाकर 12 कर दिया गया है। आईसीसी विश्व कप अगले साल 2019 में खेला जाना है, इसलिए प्लेइंग कंडीशंस में ज्यादा बदलाव नहीं किए गए हैं।