वर्ल्ड कप में श्रीलंका की पहली जीत
1996 वर्ल्ड कप को जीतकर श्रीलंकन टीम ने वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी धाक बड़े ही जबरदस्त तरीके से स्थापित करी थी लेकिन श्रीलंका ने इसकी शुरूआत 1979 वर्ल्ड कप में ही कर
1996 वर्ल्ड कप को जीतकर श्रीलंकन टीम ने वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी धाक बड़े ही जबरदस्त तरीके से स्थापित करी थी लेकिन श्रीलंका ने इसकी शुरूआत 1979 वर्ल्ड कप में ही कर दी थी जब उसने शानदार खेल का नजारा पेश कर भारत को हराया था ।
1979 वर्ल्ड कप में श्रीलंका ने टेस्ट खेलने वाली टीम भारत को 47 रन से पराजित कर दिया था जिससे श्रीलंका की टीम की इंटरनेशनल क्रिकेट में आगमन की खनक सभी टेस्ट खेलने वाली टीम को सुनाई पड़ी थी। हालांकि, इस शानदार जीत के बाद भी श्रीलंका को टेस्ट खेलने का मौका 3 साल के बाद नसीब हुआ।
Trending
मेनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफोर्ड में भारत के साथ हुए इस मैच में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बेहद ही उम्दा खेल का मुजाएरा पेश किया। श्रीलंकन ओपनर सुनील वेट्टीमुनी औऱ रॉय डायस ने पहले विकेट के लिए 127 रन की पार्टनरशिप कर श्रीलंका को शानदार शुरूआत दी। श्रीलंकन बल्लेबाज बिना कोई जोखिम उठाए औऱ बिना रन रेट की चिंता किए आराम से भारतीय गेंदबाजों का सामना कर रहे थे। जब रनों की गति बढ़ाने की जरूरत पड़ी तो उस वक्त भी श्रीलंका के बल्लेबाज पीछे नहीं रहे औऱ दिलीप मेंडिस ने 64 रन की ताबड़तोड़ पारी खेलकर श्रीलंका के स्कोर को 5 विकेट पर 238 रन पर पहुंचा दिया।
बारिश के कारण पहले दिन मैच पूरा ना हो सका और भारतीय टीम अगले दिन बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरी। भारत के ओपनर सुनील गावस्कर औऱ अंशुमन गायकवाड़ ने मिलकर पहले विकेट के लिए 60 रन की साझेदारी करी और भारत को मैच में बनाए रखा था। लेकिन जैसे ही गावस्कर और गायकवाड़ की जोड़ी पवेलियन लौटी तो भारत का पूरा बल्लेबाजी क्रम बिखर गया। एक समय जहां भारत का स्कोर 2 विकेट पर 117 रन था तो उसी समय गुडंप्पा विश्वनाथ के रन आउट होते ही भारतीय पारी अनियंत्रित तरीके से बिखर गई। 191 रन पर भारतीय पारी को सिमेटकर श्रीलंका ने क्रिकेट जगत को हैरत में डाल दिया। केवल कपिल देव ही 19 गेंद पर 16 रन बनाकर थोड़े समय के लिए हार के फासले को टालने में कामयाब हो पाए थे। भारतीय खेमा इस अप्रत्याशित हार से हत- प्रद रह गया था।
टोनी ओपथा औऱ स्पिनर सोमचंद्र डि सिल्वा ने 3 – 3 विकेट लेकर श्रीलंका के लिए एतिहासिक जीत की नीव रखी थी।।
विशाल भगत/CRICKETNMORE