Advertisement

दानिश कनेरिया का गुस्सा फूटा,कहा पाकिस्तान ने उनका स्वागत किया, जिन्होंने उसे 'बेच' दिया

लाहौर, 29 दिसम्बर| पाकिस्तान के पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया ने कहा है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों और यहां के क्रिकेट बोर्ड ने उन खिलाड़ियों का साथ दिया है और दिल खोलकर स्वागत किया है, जिन्होंने चंद पैसों के लिए...

Advertisement
Danish Kaneria
Danish Kaneria (IANS)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Dec 29, 2019 • 06:57 PM

लाहौर, 29 दिसम्बर| पाकिस्तान के पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया ने कहा है कि पाकिस्तान के हुक्मरानों और यहां के क्रिकेट बोर्ड ने उन खिलाड़ियों का साथ दिया है और दिल खोलकर स्वागत किया है, जिन्होंने चंद पैसों के लिए पाकिस्तान को 'बेचने' जैसा जघन्य अपराध किया है। कनेरिया ने रविवार को एक यूट्यूब वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, "जो लोग यह कह रहे हैं कि मैंने यह सब अपने चैनल के लिए सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए किया है, उन्हें बता दूं कि इस बात की शुरुआत मैंने नहीं की बल्कि शोएब अख्तर ने नेशनल टेलीविजन पर इसका पहली बार जिक्र किया था।"

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
December 29, 2019 • 06:57 PM

किसी का नाम लिए बगैर कनेरिया ने कहा कि कई खिलाड़ी ऐसे हुए हैं, जिन्होंने मैच फिक्स किए और देश को 'बेच दिया' लेकिन इसके बावजूद आज वे टीम में हैं और देश के लिए खेल रहे हैं।

Trending

कनेरिया ने कहा, "लोग कह रहे हैं कि मैं पाकिस्तान के लिए 10 साल खेला लेकिन मैं 10 साल अपनी खून की कीमत पर खेला। मैंने क्रिकेट पिच पर अपना खून दिया। मैंने तब भी गेंदबाजी जारी रखी, जब मेरी अंगुलियों से खून निकलता रहता था। यहां तो कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपने देश को ही बेच दिया और आज वे टीम में खेल रहे हैं। मैंने पैसे के लिए कभी अपने देश को नहीं बेचा।"

इस बीच, पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने साफ किया है कि कनेरिया के सम्बंध में दिए गए उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। अख्तर के मुताबिक उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि हिंदु होने के नाते पाकिस्तानी टीम में कनेरिया के साथ गलत व्यवहार होता था।

अख्तर ने कहा कि पाकिस्तानी टीम में कभी भी इस तरह की संस्कृति नहीं रही है और खासतौर पर धर्म के आधार पर कभी भी किसी खिलाड़ी के साथ भेदभाव नहीं किया गया।

अख्तर ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी टीम में कुछ खिलाड़ी थे तो उन्हें टीम में नहीं चाहते थे क्योंकि वह हिंदु धर्म के थे। इसके बाद स्पॉट फिक्सिंग के कारण प्रतिबंध झेल रहे कनेरिया ने कहा था कि कुछ खिलाड़ी थे, जिन्होंने उन्हें निशाने पर लिया था लेकिन उन पर कभी भी धर्म परिवर्तन का दबाव नहीं था।

शनिवार को पूर्व कप्तान इंजमाम उल हक ने भी कहा कि कनेरिया उनकी कप्तानी में खेले और इस दौरान उनके साथ किसी भी तरह के गलत व्यवहार की उन्हें कोई जानकारी नहीं।

अख्तर ने इन तमाम बातों को लेकर जारी विवाद पर सफाई पेश करने के लिए अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में अख्तर ने कहा, "मैंने इस पूरे मामले को देखा है। मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है।"

अख्तर ने कहा, "हमें हर खिलाड़ी का सम्मान करना था लेकिन एक या दो खिलाड़ी ऐसे थे, जिन्होंने कनेरिया को टारगेट किया। इस तरह के खिलाड़ी हर जगह होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि इन्हें टीम के हर सदस्य का समर्थन मिलता है।"

कनेरिया ने अख्तर के इंटरव्यू के बाद पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर गम्भीर आरोप लगाए थे। कनेरिया ने शनिवार को कहा था कि प्रतिबंध लगने के बाद इन दोनों ने उनकी कोई मदद नहीं की।

कनेरिया ने ट्विटर पर लिखा, "यह सच है कि मेरे कबूलनामे के बाद मुझे पाकिस्तान सरकार या बोर्ड से किसी तरह का समर्थन नहीं मिला जबकि मेरी ही जैसी स्थिति से निकले अन्य खिलाड़ी पाकिस्तान के लिए खेल रहे हैं। वो भी पीसीबी के समर्थन के साथ और उन्हें सम्मान भी दिया जा रहा है।"

39 साल के इस खिलाड़ी ने हालांकि कहा है कि पाकिस्तान की जनता ने उनसे कभी मुसलिम प्रधान देश में हिन्दु होने पर सौतेला व्यवहार नहीं किया।

कनेरिया ने लिखा, "पाकिस्तान के लोगों ने हालांकि मेरे साथ कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया। मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं पाकिस्तान के लिए पूरी ईमानदारी से खेल सका। अब यह मेरे देश की सरकार, इमरान खान, पीसीबी का मसला है, मेरा भविष्य उनके हाथ में है।"
 

Advertisement

Advertisement