आमिर के संन्यास के लिए पीसीबी जिम्मेदार : राशिद लतीफ
लाहौर, 28 जुलाई - पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर के टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को जिम्मेदार ठहराया है। 27 वर्षीय आमिर ने शुक्रवार को...
लाहौर, 28 जुलाई - पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर के टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को जिम्मेदार ठहराया है। 27 वर्षीय आमिर ने शुक्रवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा था कि वह सीमित ओवरों के क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। आमिर ने पाकिस्तान के लिए 36 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 48 विकेट हासिल किए हैं।
लतीफ ने पाकिस्तानी अखबार द नेशन को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "पीसीबी ने 2016 में आमिर को राष्ट्रीय टीम में जल्दबाजी में शामिल करने की अनुमति दी थी और फिर ऐसा ही हुआ। आमिर ने 2017 में ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की कोशिश की थी, लेकिन कोच मिकी आर्थर और तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष उन्हें टेस्ट क्रिकेट जारी रखने के लिए मनाने में कामयाब रहे थे।"
उन्होंने कहा, "अगर पीसीबी आमिर को वापस लाने की जल्दबाजी में नहीं होता, तो प्रतिबंध खत्म होने के बाद चीजें अलग हो सकती थीं। आमिर ने 2018 में फिर से वनडे और टी-20 पर ध्यान केंद्रित करने के लिए टेस्ट खेलना बंद करने की इच्छा जताई थी लेकिन किसी तरह वह खेल रहे थे।"
पाकिस्तान के लिए 37 टेस्ट और 166 वनडे मैच खेलने वाले पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने आगे कहा, "आमिर अभी केवल 27 साल के हैं और उन्होंने 119 विकेट लिए हैं। उन्हें 200 मैच खेलना चाहिए। किसी भी खिलाड़ी के लिए देश सबसे ज्यादा मायने रखता है।"
50 वर्षीय लतीफ ने कहा, "आमिर टी-20 लीग खेलने के लिए स्वतंत्र हैं और उन्हें अपने परिवार की सुरक्षा का पूरा अधिकार है। लेकिन देश के लिए भी क्रिकेट खेलना, उनकी प्राथमिकता होनी चाहिए। अगर पीसीबी खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट छोड़ने और लीग पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है तो पाकिस्तान क्रिकेट बुरी तरह से तबाह हो जाएगा।"
पूर्व कप्तान ने साथ ही कहा, "दूसरे खिलाड़ी भी देश की सेवा करने में गर्व महसूस करने के बजाय पैसा कमाने पर ध्यान देना पसंद करेंगे। इसलिए अब समय आ गया है कि पीसीबी को न केवल आमिर बल्कि अन्य खिलाड़ियों से भी बात करनी चाहिए, जो टेस्ट क्रिकेट छोड़ने के कगार पर हैं। समय पर कार्रवाई करना, समस्याओं का एकमात्र समाधान है, वरना चीजें पीसीबी के हाथों से निकल जाएंगी।"
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आईएएनएस