दिल्ली कैपिटल्स के हार के बाद कॉलिन मुनरो ने गांगुली और पोंटिंग को लेकर कही ऐसी बात
11 मई। नई दिल्ली| कोलिन मुनरो को न्यूजीलैंड की टी-20 टीम का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माना जाता है, लेकिन बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण में दिल्ली कैपिटल्स के लिए कुल चार मैच ही...
11 मई। नई दिल्ली| कोलिन मुनरो को न्यूजीलैंड की टी-20 टीम का सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माना जाता है, लेकिन बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण में दिल्ली कैपिटल्स के लिए कुल चार मैच ही खेले हैं जिनमें उन्होंने 40, 3, 14 और 27 का स्कोर किया है। मुनरो के लिए यह सीजन मुश्किल रहा लेकिन आईपीएल में एक विदेशी खिलाड़ी के तौर पर जब आप आते है तो अगर आप अंतिम-12 में नहीं होते हो तो आपका काम टीम के युवा खिलाड़ियों पर काम करना होता है।
मुनरो ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा कि हमेशा सकारात्मक रहना और टीम में मौजूद हर युवा खिलाड़ी की मदद के लिए तैयार रहना बेहद जरूरी है खासकर तब जब आप आईपीएल में खेल रहे हो।
मुनरो ने कहा, "विश्व भर की टी-20 लीगों में खेलकर आपके पास जो अनुभव आया है वो आपको साझा करना होता है। मैदान पर सिर्फ 11 लोग ही उतर सकते हैं। इसलिए आप उनसे अपने अनुभव साझा करें और उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनाने में मदद करें। न खेलना निराशाजनक होता है लेकिन मैदान के बाहर भी आपके पास काफी काम है। जब आप नहीं खेल रहे होते हैं तो उस समय आपको अच्छा नजरिया रखना होता है और खिलाड़ियों की बाहर से मदद करनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हां, बेहद निराशाजनक, लेकिन अंत में आप सिर्फ चार विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेल सकते हैं और किस स्थिति में क्या टीम संयोजन होगा यह भी काफी निर्भर करता है। आपको हकीकत में रहना होगा, आप नकारात्मक नहीं हो सकते। आपको सकारात्मकता के साथ अभ्यास पर जाना होगा।"
उनसे जब पूछा गया कि जब दिल्ली के लिए नहीं खेल रहे थे तो क्या कर रहे थे ? इस पर मुनरो ने कहा, "मैं जिम वगैरह कर रहा था, आप उतना भाग नहीं सकते जितना चाहते हो क्योंकि आप किसी भी चीज को जरूरत से ज्यादा नहीं कर सकते। ऐसा करेंगे तो जब आपके सामने मैच खेलने का मौका आएगा तब आप 70 फीसदी फिट होकर जाएंगे क्योंकि आप थके हुए होगे। साथ ही मानसिक तौर पर तरोताजा रहना अच्छा है।"
जहां सभी दिल्ली की सफलता का श्रेय युवाओं को दे रहे हैं वहीं मुनरो ने कहा है कि इसमें पूरी टीम का हाथ है जिसमें मुख्य कोच रिकी पोंटिंग और सलाहकार सौरभ गांगुली भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, "खिलाड़ी अपनी भूमिका जानते थे और उनकी कोशिश मैदान पर जाकर वह सब करने की होती थी जो उनसे कहा जाता था। खिलाड़ी गए और अपने लक्ष्य हासिल किए और एक टीम के तौर पर हमने काफी शानदार काम किया। हम सही समय पर आगे बढ़े। जिस तरह से पोंटिंग और गांगुली ने युवाओं से बात की वह शानदार थी। उन्होंने हर किसी को स्वतंत्रता दी और हर किसी को अपने मजबूत पहलू पर काम करने को कहा। उन्होंने हर खिलाड़ी को वही रहने दिया जो वो हैं और इस तरीके ने अच्छा काम किया।"
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