86 साल की उम्र में रतन टाटा का निधन, रोहित और सचिन समेत कई क्रिकेटर्स ने दिया रिएक्शन
भारत के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा 86 साल की उम्र में हमें अलविदा कह गए। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। वहीं, क्रिकेट बिरादरी ने भी उनके निधन पर शोक जताया है।
भारतीय उद्योगपति और टाटा ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा का लंबी बीमारी के बाद 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। रतन टाटा का दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज चल रहा था और उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण वो कई दिनों से अस्पताल की देखरेख में थे। इस सप्ताह की शुरुआत में, टाटा ने सोशल मीडिया पर अपनी स्थिति के बारे चाहने वालों को बताया और कहा कि वो फिलहाल ठीक हैं और गलत अफवाहों पर बिल्कुल विश्वास ना किया जाए।
टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है और क्रिकेट बिरादरी भी काफी भावुक हो गई है। रोहित शर्मा, सूर्यकुमार यादव, वीरेंद्र सहवाग, इरफान पठान, हरभजन सिंह, मोहम्मद शमी, सुरेश रैना, शिखर धवन और सचिन तेंदुलकर जैसे कई अन्य पूर्व और वर्तमान सितारों ने पूर्व उद्योगपति के निधन पर अपनी श्रद्धांजलि दी।
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रोहित शर्मा ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से लिखा, "एक ऐसे व्यक्ति जिसका दिल सोने जैसा था। सर, आपको हमेशा एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा जिसने वास्तव में दूसरों की परवाह की और अपना जीवन दूसरों की बेहतरी के लिए जिया।"
भारत के टी-20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने लिखा, "एक युग का अंत। दयालुता की प्रतिमूर्ति, सबसे प्रेरणादायक, एक अद्भुत व्यक्ति। सर, आपने बहुत से दिलों को छुआ है। आपका जीवन राष्ट्र के लिए एक आशीर्वाद रहा है। आपकी अंतहीन और बिना शर्त सेवा के लिए धन्यवाद। आपकी विरासत जीवित रहेगी। शांति से विश्राम करें, सर।"
वहीं, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा, "अपने जीवन और निधन में, श्री रतन टाटा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। मुझे उनके साथ समय बिताने का सौभाग्य मिला, लेकिन लाखों लोग, जो उनसे कभी नहीं मिले, वो भी वही दुख महसूस करते हैं जो मैं आज महसूस कर रहा हूं। उनका प्रभाव ऐसा ही है। जानवरों के प्रति उनके प्रेम से लेकर परोपकार तक, उन्होंने दिखाया कि सच्ची प्रगति तभी हासिल की जा सकती है जब हम उन लोगों की देखभाल करें जिनके पास खुद की देखभाल करने के साधन नहीं हैं। शांति से आराम करें, श्री टाटा। आपकी विरासत आपके द्वारा बनाए गए संस्थानों और आपके द्वारा अपनाए गए मूल्यों के माध्यम से जीवित रहेगी।"
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आपको बता दें कि रतन टाटा ने 1991 से 2012 तक टाटा समूह का नेतृत्व किया, इसे मुख्य रूप से घरेलू कंपनी से 100 बिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक मूल्य की वैश्विक शक्ति में बदल दिया। उनके नेतृत्व में, टाटा ने टेटली, कोरस और जगुआर लैंड रोवर जैसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों का अधिग्रहण किया। 2012 में अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्होंने कई टाटा कंपनियों के लिए मानद अध्यक्ष एमेरिटस की उपाधि बरकरार रखी। टाटा को उनके परोपकारी कार्यों के लिए भी जाना जाता था और उन्हें कई सम्मान मिले, जिनमें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण शामिल हैं। टाटा को खेलों, खासकर क्रिकेट के प्रति अपने प्यार के लिए भी जाना जाता था। टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष ने भारतीय क्रिकेट और उसके खिलाड़ियों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।