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'समझ नहीं आ रहा क्या करूं और क्या ना करूं', रेप केस में संदीप लामिछाने तीन हफ्ते से हैं फरार

17 साल की नाबालिग लड़की के साथ रेप केस को लेकर नेपाल क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान संदीप लामिछाने की मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं। इस मामले को लेकर अब तीन हफ्ते हो चुके हैं लेकिन संदीप अपने देश

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Cricket Image for 'समझ नहीं आ रहा क्या करूं और क्या ना करूं', रेप केस में संदीप लामिछाने तीन हफ्ते स (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Sep 27, 2022 • 02:03 PM

17 साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में नेपाल क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान संदीप लामिछाने की मुश्किलें बढ़ती हुई नज़र आ रही हैं। नेपाल पुलिस इस मामले में काफी एक्टिव होकर काम कर रही है और क्योंकि संदीप पिछले तीन हफ्ते से गायब हैं इसलिए नेपाल पुलिस ने अब इंटरपोल से मदद मांगी है। संदीप के खिलाफ नेपाल पुलिस ने डिफ्यूज़न नोटिस भी जारी कर दिया है और अब इसी बीच उनकी तरफ से भी रिएक्शन आया है।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
September 27, 2022 • 02:03 PM

उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद, नेपाल क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें तत्काल आधार पर निलंबित कर दिया था। हालांकि, अपने खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद संदीप की मानसिक हालत खराब नजर आ रही है। इस बात का खुलासा उन्होंने खुद अपने फेसबुक पोस्ट में किया है। संदीप ने कहा है कि उन्हें पता नहीं चल रहा है कि वो क्या करें और क्या ना करें।

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नेपाली में लिखे गए अपने फेसबुक पोस्ट में लामिछाने ने कहा, "मैं सोच नहीं पा रहा था कि क्या करूं और क्या नहीं करूं। इन सभी चीजों ने एक तरफ मुझे मानसिक रूप से प्रभावित किया है और दूसरी तरफ, मुझे बीमारी से गुजरना पड़ा और मानसिक तनाव और खराब स्वास्थ्य के कारण, मैंने खुद को क्वारंटीन रखा। मैं इस घटना से मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित हुआ हूं और मैं असंतुलन की स्थिति में पहुंच गया हूं।"

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आगे लिखते हुए संदीप कहते हैं, “मैं डॉक्टरों की सलाह के तहत खुद को सामान्य स्थिति में ला रहा हूं। मेरे स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और मैं अपने खिलाफ झूठी शिकायत से बचाव के लिए जल्द से जल्द नेपाल लौटने की योजना बना रहा हूं। मैं झूठे आरोपों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ूंगा। जहां तक ​​मैं समझता हूं, नेपाल के संविधान के अनुसार, मैं दोषी साबित होने तक निर्दोष हूं। मैं ये भी समझता हूं कि संविधान गरिमा के साथ जीने का अधिकार, यातना के खिलाफ अधिकार, निजता का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार और मेरे कानूनी व्यवसायी से परामर्श करने का अधिकार प्रदान करता है।"

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