'नहीं चाहिए ऐसा माल जिसमें हराम की बू आती हो'
शोएब अख्तर ने मैच फिक्सिंग में नहीं लिप्त होने को लेकर मां की उस सीख को याद किया है जिसने उनकी लाइफ को बदल कर रख दिया।
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर बेबाकी से अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। इस बीच एक जाने माने वेब पोर्टल के साथ बातचीत के दौरान शोएब अख्तर ने कहा, 'मैं गलत चीज का साथ दे ही नहीं सकता। मेरे स्वभाव में वैसा नहीं है। तभी मैंने कभी मैच फिक्सिंग नहीं की। मेरे साथ के 12 खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में फंसे हुए थे।
मेरी मां ने मुझसे कहा था कि बेटा देख तेरी वजह से तेरे मुल्क पर कोई इल्जाम ना आए इस बात को ध्यान रखना। नहीं चाहिए ऐसा माल जिसमें हराम की बू आती हो। मैंने अपनी मां से कहा आप चिंता मत करो मां मैं कभी भी अपने मुल्क को नहीं बेचुंगा। हमेशा हलाल पैसा कमाऊंगा भले ही थोड़ा पैसा हो। वही एक मां की बात आज मेरे काम आ रही है।
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इसके अलावा शोएब अख्तर ने आगे कहा, 'मुझे लगा कि जब मैं बॉलिंग करता था तब कम से कम 30 से 40 दफा ऐसा लगा मुझे या तो अंपायर की पसली पर मुक्का मारना चाहिए या बल्लेबाज को जाकर खुद बल्ला मार देता। 1999 के विश्वकप के दौरान स्टीव वॉ साफ आउट थे लेकिन, अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया था तब मुझे इतना गुस्सा आया कि जब वो रनिंग करके आ रहे थे तब मैंने उन्हें गुस्से से धक्का मारा।
शोएब अख्तर ने कहा, 'मैंने उस वक्त उनके साथ बड़ी बदतमीजी की थी और फिर मैंने अंपायर स्टीव बकनर को देखा और उनसे कहा कि सोए हुए हो तुम क्या। इतना मैं चार्जअप था कि मेरा दिल कर रहा था कि किसी को मार दूं। लेकिन, अब मुझे लगता है कि मैच ऑफिशियल्स और प्लेयर को रिस्पेक्ट देनी चाहिए।'
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शोएब अख्तर बोले, 'आपने देखा होगा मेरी खिलाड़ियों के साथ मैदान पर काफी लड़ाईयां हुई हैं। लेकिन, अंपायर के साथ मैंने आज तक कभी बदतमीजी नहीं की। मैं युवा खिलाड़ियों को यही सलाह दूंगा कि जब भी मौका ऐसा आए तब आप नम्रता दिखाइये। जब 2006 में इंजमाम टीम को मैदान से लेकर बाहर चले गए थे तब मैंने खुलकर इस बात का विरोध किया था।'