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'ये मेरा आखिरी मैच हो सकता है', साल 2002 में गांगुली ने उड़ा दिए थे दीप दासगुप्ता के होश; देखें VIDEO

भारत के सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। गांगुली का जन्म 8 जुलाई , 1972 को कोलकाता के बहाला में हुआ था। क्रिकेट के मैदान पर सौरव गांगुली ने अपने खेल के

Shubham Yadav
By Shubham Yadav July 08, 2021 • 12:29 PM
Cricket Image for 'ये मेरा आखिरी मैच हो सकता है', साल 2002 में गांगुली ने उड़ा दिए थे दीप दासगुप्ता
Cricket Image for 'ये मेरा आखिरी मैच हो सकता है', साल 2002 में गांगुली ने उड़ा दिए थे दीप दासगुप्ता (Image Source: Google)
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भारत के सफल कप्तानों में से एक सौरव गांगुली आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। गांगुली का जन्म 8 जुलाई , 1972 को कोलकाता के बहाला में हुआ था। क्रिकेट के मैदान पर सौरव गांगुली ने अपने खेल के दिनों में कई भारतीय क्रिकेटरों को काफी प्रेरित किया और पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज दीप दासगुप्ता भी उन्हीं क्रिकेटर्स में से एक थे।

गांगुली के जन्मदिन के अवसर पर, दीप दासगुप्ता ने एक कहानी का खुलासा किया है जिसने साबित कर दिया कि गांगुली मानसिक रूप से कितने मजबूत थे। ये बात साल 2002 के दौरान खेले गए एक टेस्ट मैच की थी जिससे पहले गांगुली ने कहा था कि ये उनका आखिरी मैच हो सकता है। गांगुली की ये बात सुनकर दासगुप्ता के होश उड़ गए थे।

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दीप दासगुप्ता ने अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए कहा, "मैंने दादा (सौरव गांगुली) से ज्यादा मानसिक रूप से मजबूत किसी को नहीं देखा। जिम्बाब्वे के खिलाफ एक टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर, उन्होंने मुझसे कहा 'यह मेरा आखिरी मैच हो सकता है'। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि वो क्या कह रहे थे। लेकिन वह अगले दिन मैदान पर जाते हैं और शतक ठोक देते हैं। इससे पता चलता है कि वह मानसिक रूप से कितना मजबूत थे।" 

आपको बता दें कि सौरव गांगुली एकमात्र ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट में लगातार 4 मैन ऑफ द मैच के अवार्ड जीते हैं। गांगुली को ये मैन ऑफ द मैच 14 सितंबर 1997 से लेकर 21 सितंबर 1997 के बीच मिले थे।


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