SA क्रिकेट बोर्ड ने भी कायम की मिसाल, अब नहीं होगा पुरुष और महिला क्रिकेटर्स में भेदभाव
साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने एक बड़ा फैसला लिया है। उनके इस फैसले से महिला क्रिकेटर्स और पुरुष क्रिकेटर्स के बीच खोदी गई खाई काफी कम होगी।
बीसीसीआई और न्यूज़ीलैंड क्रिकेट बोर्ड के बाद अभ दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने भी एक ऐसा कदम उठाया है जिससे पुरुष और महिला क्रिकेटर्स के बीच भेदभाव को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। साउथ अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने पुरुष और महिला क्रिकेटर्स के लिए समान वेतन की घोषणा कर दी है। अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड के इस ऐतिहासिक कदम के बाद वो भी भारत और न्यूज़ीलैंड जैसे देशों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं।
साउथ अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड की ये घोषणा दुनियाभर के क्रिकेट बोर्ड्स के लिए भी एक मिसाल का काम करेगा और हो सकता है कि आने वाले समय में बाकी देशों के क्रिकेट बोर्ड भी इसी राह पर चलते हुए दिखें। इस साल की शुरुआत में घरेलू मैदान पर आयोजित टी20 महिला वर्ल्ड कप में प्रोटियाज़ ने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया था। वो इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचे लेकिन पहली बार खिताब जीतने से चूक गए।
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क्रिकेट साउथ अफ्रीका के सीईओ फोलेत्सी मोसेकी ने कहा कि ये घोषणा उल्लेखनीय है और ये देश में महिला क्रिकेट परिदृश्य को ऊंचा उठाएगी। आईसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, मोसेकी ने कहा, "हम पेशेवर महिला क्रिकेट लीग का अनावरण करते हुए रोमांचित हैं, एक पहल जो हमारी राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम की उल्लेखनीय उपलब्धियों का जश्न मनाती है और एक उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है।"
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आगे बोलते हुए उन्होंने कहा, "महिलाओं की घरेलू संरचना के व्यावसायीकरण का उद्देश्य स्थानीय प्रतिभाओं को चमकने के लिए एक मंच प्रदान करके, खेल उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देकर, खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करके महिला क्रिकेट परिदृश्य को ऊपर उठाना है। वैश्विक मंच पर दक्षिण अफ़्रीकी क्रिकेट की सफलता के साथ, हमारा मानना है कि ये स्थानीय प्रतिभाओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, एक ऐसा वातावरण तैयार करेगा जो विकास, लचीलापन और खेल के प्रति गहरे प्रेम को बढ़ावा देगा।