Javelin Throw Final: पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा भारत के लिए पदक की सबसे बड़ी उम्मीद हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में एथलेटिक्स में भारत को गोल्ड मेडल दिलाकर इतिहास रचा था। नीरज की तैयारियों को देखते हुए उनसे पेरिस में भी एक दमदार थ्रो की उम्मीद की जा रही है।
नीरज चोपड़ा जैवलिन थ्रो के जिस खेल से आते हैं, वहां शारीरिक दमखम के अलावा सटीक तकनीक की भी जरूरत है। पेरिस ओलंपिक में शिरकत से पहले नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो की बारीकियों के बारे में बताया है।
जिस भाले को देखकर हमें उसके भारी वजन का अनुमान लगता हैं, वह असल में 800 ग्राम का ही होता है। हवा में 80-90 मीटर तक तैरने वाले इस भाला को फेंकने का तरीका भी काफी टेक्निकल है। इस भाले को तीन तरह की ग्रिप से पकड़ा जा सकता है। नीरज चोपड़ा इस भाले को जिस ग्रिप से पकड़ते हैं, वह 'फिनिश ग्रिप' कही जाती है।