Royal Challengers Bangalore: भारत में क्रिकेट केवल खेल नहीं, फैंस के लिए जुनून है। इन्हें फर्क नहीं पड़ता कि क्रिकेट के कौन से फॉर्मेट का मैच खेला जा रहा है, फैंस तो बस हर मैच को देखना चाहते हैं। ऐसा जुनून दुनिया के किसी कोने में देखने को नहीं मिलता। लेकिन क्या यह दीवानगी क्रिकेट के लिए है, या उसे खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए? क्योंकि महिला क्रिकेट और पुरुष क्रिकेट में जमीन आसमान का फर्क है और यह फर्क नियमों का नहीं, बल्कि जेंडर का है।
खेल का कोई जेंडर नहीं होता, चाहे बल्ला पुरुष क्रिकेटर के हाथ में हो या महिला क्रिकेटर के, नियम सबके लिए एक जैसे हैं, तो फैंस इनमें फर्क क्यों करते हैं? अगर, ये सवाल सुनकर आप भी सोचने पर मजबूर हो गए, तो यकीन मानिए ये सवाल जायज है।
पूरी दुनिया में महिला और पुरुष क्रिकेट के बीच फर्क को किस तरह देखा जाता है, उसका सटीक अंदाजा लगाना थोड़ा मुश्किल है। भारत में महिला और पुरुष क्रिकेट के बीच भेदभाव होता रहा है। हालांकि अब काफी हद तक ये चीजें बदल रही हैं लेकिन सफर अभी लंबा है।