New Delhi: साल 2018 में बतौर कप्तान भारत को अंडर-19 विश्व कप खिताब जिताने वाले पृथ्वी शॉ को अगला 'सचिन तेंदुलकर' माना जा रहा था। अपनी पहली ही टेस्ट पारी में शतक लगाने वाले शॉ ने करियर की शुरुआत जितने शानदार तरीके से की, उतनी ही तेजी से इस खिलाड़ी का ग्राफ भी बिगड़ा।
9 नवंबर 1999 को महाराष्ट्र के ठाणे में जन्मे पृथ्वी शॉ महज 14 साल की उम्र में ही चर्चा में आ गए थे। साल 2013 में हैरिस शील्ड में उन्होंने अपने स्कूल रिजवी स्प्रिंगफील्ड की ओर से खेलते हुए 330 गेंदों में 85 चौकों और 5 छक्कों के साथ 546 रन बनाए। यह उस दौर में स्कूल क्रिकेट का सर्वोच्च स्कोर था।
तेजी से रन बनाने में माहिर पृथ्वी शॉ साल 2016 में भारत की उस अंडर-19 टीम का हिस्सा थे, जिसने श्रीलंका में यूथ एशिया कप जीता। करीब 2 महीनों बाद ही उन्होंने रणजी ट्रॉफी में मुंबई की ओर से डेब्यू किया और तमिलनाडु के खिलाफ दूसरी पारी में शतक जड़कर टीम को जीत दिलाई।